महाराष्ट्र

अमृत महोत्सव मनाने को लेकर उत्साह, 'हर घर तिरंगा अभियान' से जुड़े दिव्यांग

HARRY
14 Aug 2022 2:05 PM GMT
अमृत महोत्सव मनाने को लेकर उत्साह, हर घर तिरंगा अभियान से जुड़े दिव्यांग
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मुंबई: जैसे-जैसे स्वतंत्रता दिवस करीब आ रहा है देश में अमृत महोत्सव मनाने को लेकर उत्साह की बढ़ता दिखाई दे रहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'हर घर तिरंगा' अभियान के साथ अब महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चे भी जुड़ गए है.ये बच्चे तिरंगा झंडा बनाने के साथ साथ झंडे तीन रंगों का इस्तेमाल करके कई दूसरी खूबसूरत चीजों को तैयार कर रहे हैं. समाज जिन बच्चों को कभी बराबरी का नही समझता उन बच्चों ने इस मुहिम में कैसे रंग भर रहे हैं.

दरअसल, मुंबई के घाटकोपर इलाके में स्थित है गुरुकुल स्पेशल चिल्ड्रेन स्कूल की प्रिंसिपल सकीना भारमल ने बताया कि जहां इस वक्त 90 बच्चे शिक्षा ले रहे है मानसिक रूप से भले ही ये बच्चे परिपक्व न हो लेकिन देश के प्रति इनका जज़्बा कम नहीं है . आजादी के अमृत महोत्सव में ये बच्चे भी भाग ले रहे हैं. वहीं, स्कूल के ट्रस्टी महेश गांधी बताते हैं कि हमने जब गुरुकुल स्कूल शूरू किया था तब बहुत बार ये शिकायत मिलती थी कि कुछ बच्चे स्लो लर्नर है. कुछ मंद बुद्धि है तब हमने ऐसे बच्चो के लिए एक अलग स्कूल खोलने का फैसला लिया.
दिव्यांग बच्चे आज़ादी के अमृत महोत्सव में बढ़ चढ़ कर ले रहे हिस्सा
वहीं, मुंबई के महालक्ष्मी इलाक़े में स्थित ओम क्रिएशन ट्रस्ट के दिव्यांग बच्चे भी आज़ादी के अमृत महोत्सव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें रहे है. जहां कई बीमारियों से पीड़ित दिव्यांग बच्चे तिरंगा मुहिम में अनेकों रंग भरने में जुटे हैं.ओम क्रिएशन ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी राधिके खन्ना बताती है कि तस्वीरों में तिरंगा की सिलाई या फिर तिरंगा बनाने में जुटे यह लोग दिव्यांग है. आम तौर पर समाज से अलग होने के कारण ऐसे लोगों को समाज मुख्य धारा से दूर रखा है. लेकिन अब तस्वीर बदल रही है जहां हर घर तिरंगा की मुहिम को सफल बनाने में यह बच्चे अपनी ओर से योगदान दे रहे हैं.
तिरंगा बनाने में 18 साल से 70 साल के दिव्यांग शामिल
बता दें कि, तिरंगा बनाने के काम में छोटे दिव्यांग बच्चों के साथ साथ 18 साल से 70 साल के दिव्यांग भी शामिल हैं. जहां बच्चों ने बताया की हर घर तिरंगा अभियान से जुड़ने से इन स्पेशल बच्चों का कौशल विकास भी हो रहा है, जिससे आगे चलकर इनके कला को सम्मान और इन्हें पहचान मिलेगी. बच्चों द्वारा तैयार इन कलाकृतियों में तिरंगा को झंडे के सत्य मोर, फूल जैसे रूप भी दिए जा रहे हैं, जिससे यह स्वतंत्र दिवस के बाद भी लोगों के घरों में देश भक्ति जागते रहें.
बाज़ारों में तिरंगा की डिमांड अचानक बढ़ी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर तिरंगा अभियान की अपील के बाद बाज़ारों में तिरंगा की डिमांड अचानक बढ़ गई.डिमांड ज्यादा होने की वजह से सप्लाई ठीक तरह से नहीं हो पा रहा थी. तिरंगे की डिमांड को देखते हुए संस्था ने अमृत महोत्सव में छोटा सा योगदान दिव्यांगों की मदद से देने का निश्चय किया,जिसके लिए पहले संस्था ने सभी दिव्यांगों को तिरंगा बनाने की ट्रेनिंग दी. इसके बाद बाद यहां 50 से 60 दिव्यांग अलग अलग प्रकार के तिरंगा बना रहे हैं. संस्था को चलाने वाली राधिके खन्ना ने बताया कि पीएम मोदी ने दिव्यांगों के लिए बहुत कुछ किया है. जब उन्होंने हर घर तिरंगा की घोषणा की, तब हमने सोचा कि क्यों न हम दिव्यांगों के साथ इस मुहिम में जुड़ जाए. जहां पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर उत्साहित नजर आरहा है. देश भर में अलग अलग तरीकों से पीएम मोदी के अपील के बाद हर घर तिरंगा मुहिम को देशवासियों का पूरा सहयोग मिल रहा है.
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