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महाराष्ट्र
16 विधायकों के अयोग्यता मामले में जल्द से जल्द लिया जाएगा फैसला
Rani Sahu
15 May 2023 4:25 PM GMT
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मुंबई। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि 16 विधायकों के अयोग्य मामले में बड़ा बयान दिया है. विपक्ष की जल्द निर्णय लेने की मांग पर उन्होंने ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के फैसले के अनुसार जल्द निर्णय लिया जाएगा लेकिन इसमें कितना दिन लगेगा यह नहीं बता सकता। विधानसभा अध्यक्ष अपने चार दिन निजी लंदन दौरे गए थे सोमवार को लंदन से वापस आने के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर वे मीडिया से बात कर रहे थे. नार्वेकर ने कहा कि 16 विधायकों के अपात्र को लेकर न्यायालय में दाखिल की गई याचिका पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का हमारा प्रयास है.लेकिन इस निर्णय को लेने के लिए एक बड़ी प्रक्रिया है.इसमें जिस पार्टी के विधायक है वो राजनीतिक पार्टी किसकी है.सबसे पहले यह निर्णय होना आवश्यक है.इस पूरे मामले की जांच के बाद 16 विधायकों को अपात्र का निर्णय लेने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है.विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हम संविधान के सभी प्रावधानों पर विचार करने के बाद सही निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि 16 विधायकों के अयोग्य के निर्णय लेने में विलंब नहीं होगा जल्द निर्णय लिया जाएगा लेकिन कितना दिन लगेगा यह नहीं बता सकते। शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं की मांग 15 दिन के भीतर अध्यक्ष 16 विधायकों के अयोग्य का निर्णय ले इस मांग पर विधानसभा अध्यक्ष नार्वेकर ने कहा, "मैं विधानसभा के बाहर की गई टिप्पणियों पर टिप्पणी नहीं करता। मुझे इस तरह की टिप्पणी करने की जरूरत भी नहीं है किसी ने 15 दिन, किसी ने 20 दिन और किसी ने दो महीने के भीतर फैसला मांगा है। लेकिन मैं उस पर ध्यान नहीं देता। मैं कानून के प्रावधानों के अनुसार निर्णय लूंगा। मैं किसी को खुश करने के लिए फैसले नहीं लूंगा। यदि प्रक्रिया 15 दिन में पूरी होती है तो 15 दिन में निर्णय लिया जाएगा और यदि प्रक्रिया पूरी करने में देरी होती है तो निर्णय में देरी होगी।
भरत गोगावले की नियुक्ति नियमानुसार
विधानसभा में शिवसेना की तरफ से भरत गोगावले (Bharat Gogavale) के व्हिप चीप पर नियुक्ति पर उठ रहे सवाल पर राहुल नार्वेकर ने कहा कि गोगावले की नियुक्ति गलत नहीं था.नियम के अनुसार गोगावले की नियुक्ति की गई थी बात रही सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की तो न्यायालय ने यह कही नहीं कहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री पद पर शपथ और भरत गोगावले की व्हिप चीप पद पर नियुक्ति गलत थी.
अध्यक्ष 16 विधायकों की अयोग्यता पर जल्द करें फैसला -सुनील प्रभु
विधानसभा में शिवसेना (यूबीटी) के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु ने आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को 16 विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट के पिछले सप्ताह के निर्देश के अनुसार जल्द फैसला लेना चाहिए। सोमवार को सुनील प्रभु के नेतृत्व में शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं का एक प्रतिनिधि मंडल विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झीरवल से विधानभवन में मुलाकात की.इस दौरान झीरवल को नेताओं ने एक ज्ञापन सौंपा।उपाध्यक्ष से मुलाक़ात के बाद प्रभु मीडिया से बातचीत करते हुए यह बात कही.प्रभु ने कहा की अध्यक्ष (नार्वेकर) महाराष्ट्र के बाहर दौरे पर , इसलिए हमने उपाध्यक्ष से मुलाकात की और इस मुद्दे पर अपना ज्ञापन सौंपा। मिली जानकारी के अनुसार ज्ञापन के साथ -साथ प्रतिनिधिमंडल ने उपाध्यक्ष को न्यायालय के फैसले के अलावा करीब 79 पेज का कागजात सौंपा है इसमें कोर्ट के आदेश और संविधान के कुछ अनुच्छेद की कॉपी है जिसके आधार पर अध्यक्ष को अपना निर्णय देना है.सुनील प्रभु ने दोहराया है कि अध्यक्ष को इस मामले में जल्द से जल्द अपना फैसला लेना चाहिए। सुनील प्रभु ने आगे कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछेल सप्ताह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों के सदस्यता पर सवाल को महाराष्ट्र अध्यक्ष को 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने का उ चित समय में निर्णय लेने के लिए कहा था। प्रतिनिधिमंडल में विधायक सुनील प्रभु, रमेश कोरगांवकर, सुनील राउत, अनिल परब, डॉ, मनीषा कायंदे , सचिन अहीर विलास पोतनीस , सुनील शिंदे और अँधेरी पूर्व से विधायक रितुजा लटके शामिल थी। प्रभु ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने शीर्ष अदालत के फैसले की प्रति और अपनी मुख्य मांग पर शिवसेना (यूबीटी) के पत्र को जमा किया और उम्मीद जताई कि अध्यक्ष बिना किसी देरी के इस पर उचित कार्रवाई करेंगे। नाना पटोले, जयंत पाटिल और संजय राउत सहित विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सहयोगी कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और सेना (यूबीटी) के कई नेताओं ने मांग की है कि स्पीकर को इस पर प्राथमिकता पर निर्णय लेना चाहिए।
16 विधायकों के आयोग ठहराए जाने के बाद भी नहीं गिरेगी सरकार - अजित पवार
महाराष्ट्र सत्ता संघर्ष की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष को दिया है. इस पर अब विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर फैसला लेंगे। शिवसेना के ठाकरे गुट के नेताओं को भरोसा है कि नतीजा उनके पक्ष में जाएगा और 16 विधायक अयोग्य हो जाएंगे. लेकिन विधानसभा में विपक्ष नेता और राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार ने महाविकास आघाडी से अलग हटकर बयान दिया है.सोमार को मीडिया से बातचीत करते हुए अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि विधायकों की अयोग्यता को लेकर मेरी अपनी स्पष्ट है. 288 में से शायद उन 16 विधायकों को अलग परिणाम मिला (विधायकों को अयोग्य घोषित किया गया)। तो भी सरकार गिरने वाली नहीं है. अध्यक्ष के 16 विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने के निर्णय के बाद सरकार के बहुमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.अजित पवार ने कहा कि अगर 288 में से 16 विधायक अयोग्य हो जाते हैं, 272 विधायक रह जाते हैं तो बहुमत का आंकड़ा घट जाता है. उनके पास इतना बहुमत है। इसलिए ऐसा नहीं लगता कि विधायकों की अयोग्यता का सरकार पर कोई असर पड़ेगा, जिसमें एकनाथ शिंदे के गुट और भाजपा का बहुमत है और वे सत्ता में हैं. यदि 16 विधायक अयोग्य घोषित किए जाते हैं, तो बहुमत का आंकड़ा घटकर 137 हो जाएगा और इतने विधायक शिंदे और फडणवीस के पास हैं। अजित पवार यही सुझाव देना चाहते थे. उनका यह भी मानना है कि इन विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बनाना ठीक नहीं -देवेंद्र फडणवीस
16 विधायकों के अयोग्यता को लेकर गरमाई राजनीति के शिवसेना (यूबीटी) आक्रमक हो गई है,विधानसभा अध्यक्ष से विधायकों के अयोग्य का निर्णय 15 दिन के भीतर करने की मांग कर रही है.विपक्ष के इस मांग पर राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शिवसेना (यूबीटी) पर पलटवार किया है.उन्होंने कहा कि 16 विधायकों के अयोग्य के निर्णय को लेकर शिवसेना (यूबीटी) विधानसभा अध्यक्ष पर दबाव बना रही है जो ठीक नहीं है.विधानसभा अध्यक्ष का एक पोर्टोकाल होता है वे संविधान के नियम का पालन करते हुए निर्णय लेंगे।फडणवीस ने कहा कि शिवसेना कह रही है कि निर्णय जल्दी नहीं लिया तो विधानसभा अध्यक्ष के विरोध में आंदोलन करेंगे ठाकरे शिवसेना का ऐसा करना संविधान के खिलाफ है.
16 विधायकों के अयोग्य ठहराए जाने मामले को लेकर विधानसभा उपाध्यक्ष झीरवल से मिला शिवसेना (यूबीटी) का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को 16 विधायकों के अपात्र मामले में जल्द से जल्द निर्णय की मांग को लेकर शिवसेना (यूबीटी) के नेता सुनील प्रभु के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल से मुलाकात की इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने उपाध्यक्ष को 79 पन्नों कोर्ट के फैसले का कागजात सौंपा। उपाध्यक्ष झिरवल को ज्ञापन सौंपकर शिवसेना नेताओ ने मांग कि कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के दायरे में रहकर जल्द से जल्द फैसला लिया जाए.
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