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मालेगांव : मालेगांव शहर और तहसील में हुई रही मूसलाधार वर्षा (Torrential Rain) के कारण पाझर झील (Pajhar Lake) का पानी ओवर फ्लो (Overflow) हो गया। इस वजह से तेज बहाव के कारण 70 एकड़ कृषि फसल (Agricultural Crops) पानी के नीचे चली गई हैं। देवारपाडे, शेंदुर्णी, साजवहाल गांवों में भी फसल को काफी तक नुकसान पहुंचा है। कपास, मक्का, अनार और प्याज जैसी फसलों सहित खेतों की उपजाऊ मिट्टी बह गई। बताया जा रहा इस प्राकृतिक आपदा के कारण 25 किसानों के करीब दो करोड़ रुपए के नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। राजस्व विभाग की ओर से नुकसान का पंचनामा किया जा रहा है। जब पंचनामा कर लिया जाएगा, तब इस बात का पता लग पाएगा कि किस किसान को कितना नुकसान पहुंचा है।
जिलाअधिकारी विजयानंद शर्मा ने जल संरक्षण अधिकारियों के साथ फसल के नुकसान का जायजा लिया। बीजेपी जिलाअध्यक्ष सुरेश निकम और साथियों ने नुकसान का जायजा लिया और किसानों का हौसला बढ़ाया। किसानों ने तत्काल मुआवजा देने की मांग की है। शर्मा ने उपमंडल जल संरक्षण अधिकारियों को बांध की मरम्मत के लिए तत्काल प्रस्ताव दाखिल करने के निर्देश दिए। साजवाहल गांव में तालाब की दीवार से पानी रिस रहा है, इसका निरीक्षण कर शाखा अभियंता युवराज अहिरे को उपाय करने के आदेश दिए गए हैं। तलाठी, कृषि सहायक और ग्राम सेवक उपस्थित थे, उन्हें तत्काल पंचनामा करने के निर्देश दिए गए। निरंतर बहाव के कारण पाझर झील पूरी तरह से भर गई है। पिछले दिनों हुए बड़े भूस्खलन से बांध टूट गया और पानी खेतों में चला गया, जिससे फसलें जलमग्न हो गई।
वर्षा के कारण कई जानवरों के मरने की खबर है
इस कारण मनीष सूर्यवंशी, देवबा म्हस्के, भारत चिकन, सुधाकर सरोदे, रमा म्हस्के, भीकन गुधे, बालू म्हस्के, पिंटू सरोदे, संजय चिकने सहित 25 से 30 किसानों को भारी नुकसान हुआ। खेत में पानी भर जाने की वजह से कपास, अनार, मक्का, प्याज जैसी मुख्य फसलें प्रभावित हुई हैं। खेतों और कुओं में पानी घुसने से कुछ कुएं डूब गए। ज्यादा वर्षा के कारण नदी और तटबंध के किनारे की कृषि बह गई। वर्षा के कारण कई पशुओं की मौत होने की जानकारी भी मिली है। नांदगांव बुद्रुक में एक घर की दीवार ढहने की जानकारी मिली है। इसी तरह घाणेगांव में भी घर की दीवार गिरने की जानकारी मिली है। गनीमत रही कि इन दोनों हादसों में कोई हताहत नहीं हुआ।
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