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34 प्रतिशत मुंबईकर हाईपरटेंशन के शिकार, BMC घर-घर जाकर करेगी जांच
Rani Sahu
29 July 2022 7:57 AM GMT
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34 प्रतिशत मुंबईकर हाईपरटेंशन के शिकार
मुंबई: बदलती जीवनशैली के कारण लोग अब उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure), मधुमेह (Diabetes) और अन्य बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। मुंबई (Mumbai) में हाईपरटेंशन मरीजों (Hypertension Patients) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।बीएमसी की तरफ से कराए गए जून महीने में 18 से 69 वर्ष की आयु के 5,000 लोगों का स्टेप सर्वे कराया कर सेंपल जमा किए गए थे। जिसमें से 34 प्रतिशत लोग हाइपरटेंशन से पीड़ित पाए गए। 80 से 88 प्रतिशत लोग डॉक्टर के पास नहीं जाते ऐसा WHO की रिर्पोट में खुलासा हुआ है। बीमारियों के उपचार के लिए बीएमसी ने कमर कस ली है। बीएमसी मुंबई में अब घर-घर जाकर लोगों के ब्लड प्रेशर की जांच करेगी।
बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त (स्वास्थ्य) डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि बीएमसी के कर्मचारियों में खासकर आशा वर्कर और बाला साहेब ठाकरे आरोग्य योजना वर्कर को इस बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
शिवयोगा के 177 स्वास्थ्य केंद्र चल रहे
डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि बीएमसी के शिवयोगा के 177 स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं। शुरुआत में एक सेंटर पर केवल 10 से 15 लोग आ रहे थे, लेकिन अब यहां आने वालों की संख्या बढ़ रही है। अब एक सेशन में 25 से 30 लोग आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह संख्या बढ़ कर 15 हजार तक हो सकती हैं।
30 से अधिक लोगों की जांच
संजीव कुमार ने बताया कि बीएमसी स्वास्थ्य कर्मचारी 30 साल से अधिक आयु के लोगों की घर पर जाकर जांच करेंगे और उनमें जो भी हाइपरटेंशन के मरीज मिलेंगे आवश्यकता के अनुसार उनकी सूची बना कर पास के महानगरपालिका क्लीनिक में रेफर कर दिया जाएगा। जहां पर उपचार किया जाएगा। डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि उच्च रक्तदाब के कारण लोगों को भविष्य में हृदय रोग, किडनी की बीमारी बढ़ जाती है। इन बीमारियों को शुरु होने से पहले रोकने के लिए प्रारंभिक उपचार जरुरी है। उन्होंने कहा कि लोगों को इन बीमारियों से बचाने के लिए बीएमसी दृढ़ संकल्पित है।
अक्टूबर से शुरु होगा अभियान
डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि 30 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों का डोर-टू-डोर उच्च रक्तदाब की जांच के लिए अक्टूबर से अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ-साथ अधिकारी और कर्मचारियों का पहले प्रशिक्षण पूरा किया जाएगा। पहला चरण पूरा करने के बाद कर्मचारी अभियान के तहत दिए गए दिशा-निर्देशों के तहत अपना काम शुरु करेंगे। इसके लिए प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आशा कार्यकर्ता को ब्लड प्रेशर जांचने के लिए एक डिजिटल उपकरण प्रदान किया जाएगा। उसका रिकॉर्ड भी रखा जाएगा।
बढ़ रही है रक्तचाप की समस्या
डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि अत्याधिक तनाव के कारण रक्तचाप की समस्या बढ़ रही है और समय रहते इस पर ध्यान देना चाहिए न देने पर हृदय रोग, किडनी रोग आदि की दर भी बढ़ जाती है। इसलिए प्राथमिक स्तर पर निदान के लिए यह अभियान चलाया गया।
आशा वर्कर का मानधन दोगुना
संजीव कुमार ने बताया कि आशा और एचबीटी वर्कर का मानधन कम होने के कारण बीएमसी को स्वास्थ्य कर्मचारी मिलना मुश्किल हो गए थे। इसलिए हमने आशा वर्कर और एचबीटी आरोग्य सेवा के कर्मचारियों को मानधन दोगुना कर दिया है। कोविड के समय उन्हें 7 हजार रुपए मानधन दिया जाता था जिसे बढ़ा कर 11 हजार रुपए कर दिया गया है।
Rani Sahu
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