मध्य प्रदेश

योग से निरोग' कार्यक्रम बना संजीवनी, कोरोना काल में योग ने दी संक्रमण से लड़ने की शक्ति,

Admin4
16 Jun 2022 2:06 PM GMT
योग से निरोग कार्यक्रम बना संजीवनी, कोरोना काल में योग ने दी संक्रमण से लड़ने की शक्ति,
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योग से निरोग’ कार्यक्रम बना संजीवनी, कोरोना काल में योग ने दी संक्रमण से लड़ने की शक्ति,

कोरोना महामारी से स्वस्थ होने में जितनी मदद दवाइयों ने की, योग ने भी लोगों को संक्रमण से लड़ने में उतना ही अहम योगदान दिया। मध्य प्रदेश सरकार ने महामारी की दूसरी लहर में कोविड सेंटर्स और होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों के लिए 'योग से निरोग' कार्यक्रम चलाकर उन्हें शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ करने का प्रयास किया। भारत ने कोरोना महामारी के दौरान योग और आयुर्वेद को भी अपनाया कोरोना महामारी की जानलेवा लहर में जब मेडिकल एक्सपर्ट्स दवाइयां खोजने और वैक्सीन की रिसर्च में व्यस्त थे, तब भारत में लोगों ने आयुर्वेद और योग के सहारे ख़ुद को ठीक करने की कोशिश की। काढ़ा लोगों की दिनचर्या का अंग बना। योग अस्पतालों का भी हिस्सा बना। डॉक्टर भी मरीजों को प्राणायाम और ध्यान करने की सलाह दे रहे थे।

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चलाया गया 'योग से निरोग'

कोरोना महामारी की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मच गया था। मेडिकल ऑक्सीज़न की आवश्यकता अस्पतालों में बढ़ती जा रही थी। घर पर रह कर इलाज करा रहे मरीज़ों के परिजन भी सुरक्षा की दृष्टि से ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए परेशान थे। उस वक्त स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी मरीज़ों को योग करने की सलाह दी थी, जिससे उन्हें श्वास संबंधी परेशानियां कम हों। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 'योग से निरोग' कार्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया।

वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए कराया योगाभ्यास

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 अप्रैल 2021 को 'योग से निरोग' कार्यक्रम की शुरुआत की थी। कोविड सेंटर्स और होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज़ों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और उन्हें मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ये कार्यक्रम चलाया गया। पतंजलि योग पीठ, स्कूल और आयुष विभाग के तत्वावधान में यह कार्यक्रम चलाया गया। योग प्रशिक्षकों ने कोविड मरीजों को वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए एक निश्चित समय पर सामूहिक रूप से योगाभ्यास कराया। इससे मरीजों को स्वस्थ रहने में सहायता मिली। योग ट्रेनर्स हर रोज मरीजों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जुड़ते और उन्हें प्राणायाम, ध्यान कराते। इससे मरीजों की शारीरिक और मानसिक परेशानियां कम करने में मदद मिली। फरवरी 2022 तक इस कार्यक्रम के तहत होम आइसोलेशन और पोस्ट कोविड के करीब 2 लाख संक्रमितों के शारीरिक और मानसिक हेल्थ को ठीक करने के लिए योगाभ्यास कराया गया।

योगाभ्यास के लाभ

कोरोना के दौरान लोग तनाव और डर की वजह से भी अत्याधिक बीमार हो रहे थे, इसलिए योग उपचार की तरह चिकित्सकों की मदद कर रहा था। योग श्वसन क्रियाओं को सुचारू बनाता है। योग के दौरान गहरी सांस लेने से शरीर तनावमुक्त होता है, बल्ड सर्कुलेशन अच्छे से होता है और रक्तचाप को सामान्य रखता है। ध्यान से मन को शांति मिलती है, जो महामारी से ग्रसित लोगों के लिए बहुत आवश्यक थी। 'योग से निरोग' कार्यक्रम के दौरान इसे भी ध्यान में रखते हुए योगाभ्यास कराया गया कि मरीज तनावमुक्त रहें जिससे, दूसरी बीमारियां उन्हें न घेर सकें।

लाभार्थियों को बांटा गया काढ़ा

"जीवन अमृत'' योजना के तहत फरवरी 2022 तक दो चरणों में लोगों को त्रिकुट काढ़ा बांटा गया। करीब सवा दो करोड़ लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण की प्रतिरोधात्मक औषधि त्रिकुट काढ़ा पैकेट का वितरण किया गया।

आयुष भवनों का निर्माण

प्रदेश में फरवरी 2022 तक 20 जिला आयुष कार्यालय भवन और 50 आयुष औषधालय भवन का निर्माण कार्य भी पूरा किया गया। इसके साथ ही विभाग द्वारा 13 जिलों भिण्ड, अलीराजपुर, आगर-मालवा, रीवा, अनूपपुर, बैतूल, भोपाल, धार, बुरहानपुर, मुरैना, उज्जैन, सिंगरौली और खण्डवा जिले में पंचकर्म चिकित्सा केन्द्र भवनों का निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में आयुर्वेद, योग, प्राणायाम के विस्तार और शोध एवं अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की दिशा में हरसंभव प्रयास किया जाएगा। प्रदेश के आयुष बजट में बढ़ोतरी की जाएगी। आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में रोगी कल्याण समितियों का गठन किया जाएगा। जिला चिकित्सालयों में जो आयुष विंग बने हैं, उन्हें समृद्ध किया जाएगा। इसमें पंचकर्म की विधियों को भी शामिल किया जाएगा।

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