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भोपाल में 18 जून तक आएगा, दौर-बड़वानी के बजाय जबलपुर के रास्ते होगी एंट्री
पाकिस्तान से लगातार आ रही हवाओं के कारण मानसून मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की बॉर्डर पर अटक गया है। यह अरब से तो आगे बढ़ रहा है, लेकिन हवाओं के कारण यह महाराष्ट्र से सटे मध्यप्रदेश के इलाकों में आगे नहीं बढ़ पा रहा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक मानसून बड़वानी के पहले आकर रुक गया है। ऐसे में अब यह बड़वानी और इंदौर की जगह जबलपुर के रास्ते पहले प्रदेश में एंट्री कर सकता है। मंगलवार शाम से जबलपुर में हल्की बारिश भी शुरू हो गई।
यह बारिश बंगाल की खाड़ी में मानसून की गतिविधियों के तेज होने के कारण हो रही है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश ने बताया कि दो दिन तक जबलपुर और उससे सटे इलाकों में बारिश की गतिविधियां और तेज होंगी, जबकि मालवा-निमाड़ में अभी दो दिन बारिश के आसार नहीं हैं। भोपाल में भी मानसून 18 तक पहुंच सकता है।
मानसून के अटकने का कारण
वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि अरब सागर में मानसून एक्टिव है। वह आगे बढ़ रहा है, लेकिन पाकिस्तान से लगातार हवाएं आने के कारण यह मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की बॉर्डर पर अटक गया है। पाकिस्तान से हवाओं का एक और दौर बुधवार से मध्यप्रदेश में आ जाएगा। अभी एक सिस्टम पहले से एक्टिव है। ऐसे में अरब सागर से आ रहा मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा।
इसलिए जबलपुर से एंट्री
अब तक बंगाल की खाड़ी में मानसून की गतिविधियां धीमी थीं, लेकिन मंगलवार से इसने भी रफ्तार पकड़ ली है। अब यह आगे बढ़ने लगा है। इस कारण जबलपुर और उससे लगे इलाकों जैसे छिंदवाड़ा और सतना में मंगलवार को हल्की बारिश हुई। एक ट्रफ लाइन भी बन रही है। अगले दो दिन में यहां तेज बारिश हो सकती है।
भोपाल और इंदौर में थोड़ा इंतजार
भोपाल में सोमवार शाम बारिश हुई थी, लेकिन मंगलवार को सिर्फ बादल ही रहे। हवाएं चलने से तपिश कम हुई, लेकिन उमस ने लोगों को परेशान किया। सिंह ने बताया कि भोपाल में मानसून की एंट्री 18 तक हो सकती है। इधर, इंदौर और उसके आसपास के इलाकों में दो दिन बाद ही बारिश के आसार बन रहे हैं। अगर अरब सागर से मानसून आता भी है, तो वह वहीं तक सीमित रहेगा। आगे बढ़ने के लिए उसे पाकिस्तान से आ रही हवाओं के थमने का इंतजार करना होगा।
सोमवार को भोपाल संभाग, मालवा, निमाड़ समेत प्रदेश के कई इलाकों में प्री-मानसून बारिश का सिलसिला जारी रहा। राजधानी में सुबह से शाम तक धूप खिली रही, लेकिन शाम को शहर के कई इलाकों में तेज बौछारें पड़ीं। कहीं-कहीं तेज बारिश भी हुई। पिछले 24 घंटे में भोपाल समेत प्रदेश के 19 जिलों में प्री-मानसून बारिश हुई। उज्जैन, भोपाल, इंदौर संभाग समेत प्रदेश के पश्चिमी इलाकों के हिस्सों में तेज हवा भी चली। बड़वानी और खंडवा में तो करीब सवा तीन-तीन इंच तक पानी गिर गया।
सीहोर, झाबुआ में 2 इंच पानी गिरा
सीहोर, झाबुआ में 2-2 इंच बारिश, राजगढ़ में डेढ़ इंच, धार, मंदसौर, विदिशा, बैतूल, अलीराजपुर, शाजापुर, कटनी, डिंडोरी, छिंदवाड़ा, शहडोल और भोपाल में 1-1 इंच बारिश हुई। रतलाम, नीमच, देवास, अशोकनगर, शिवपुरी, आगर, गुना, उज्जैन, रायसेन, बड़वानी, ग्वालियर, श्योपुर कलां, नर्मदापुरम, सिवनी, अनूपपुर, दमोह, सीधी, उमरिया, मंडला, सतना, सागर, बांधवगढ़ और मैहर में कहीं-कहीं बारिश हुई।
अरब सागर में चक्रवातीय गतिविधियां सक्रिय
पूर्व-मध्य अरब सागर में स्थित चक्रवातीय गतिविधियां अभी भी सक्रिय हैं। ट्रफ लाइन महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर मध्यप्रदेश तक गुजर रही हैं। एक ट्रफ दक्षिणी गुजरात तट से उत्तरी केरल तट तक फैला है। पाकिस्तान से आने वाली हवाएं कमजोर हैं। मंगलवार से पाकिस्तान से हवाएं आना शुरू हो सकती हैं। इसके साथ ही पूर्व-पश्चिम ट्रफ हरियाणा से उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तरी बंगाल, सिक्किम और पूर्वी असम तक फैला है।
साथ ही आज दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने पर अब उसकी उत्तरी सीमा दीव, नंदूरबार, जलगांव, परभणी, तिरुपति, पांडिचेरी और बंगाल की खाड़ी से होते हुए बुलरघाट से गुजर रही है। इसी से प्री-मानसून की गतिविधियों में तेजी आई है।
अधिकतम तापमान 43 के नीचे आया
प्री-मानसून की गतिविधियों के तेज होने से मध्यप्रदेश में अधिकतम तापमान के तेवर भी कमजोर होने लगे हैं। दो दिन से सिर्फ मालवा-निमाड़ में ही बारिश हो रही थी, लेकिन सोमवार को भोपाल में भी इसकी दस्तक दिखाई दी। ग्वालियर समेत कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी ने मौसम बदल दिया। अधिकतम तापमान रीवा में 43 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ग्वालियर, गुना, पचमढ़ी, दमोह, खजुराहो, नौगांव, सतना, सीधी और उमरिया को छोड़कर शेष मध्यप्रदेश में दिन का पारा 40 के नीचे आ गया है।