मध्य प्रदेश

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Shantanu Roy
8 July 2022 4:37 PM GMT
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बड़ी खबर

कटंगी। शिक्षा को व्यवसाय बनाकर अतिरिक्त कक्षा और कोचिंग संस्थान चलाने वाले शासकीय शिक्षकों व शासकीय सेवकों के विरूद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर निजी शिक्षकों ने एसडीएम से मुलाकात की। इस दौरान कलेक्टर के नाम एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपते हुए कार्रवाई की मांग की है। निजी शिक्षकों ने अपने ज्ञापन में बकायदा कुछ शासकीय शिक्षकों और एक शासकीय सेवक का नाम प्रमुखता से कोड किया है।


निजी शिक्षकों का आरोप है कि शासकीय शिक्षक सरकार से पर्याप्त वेतन मिलने के बावजूद अधिक आर्थिक लाभ कमाने के लिए अतिरिक्त और कोंचिग क्लास चला रहे है।यह शिक्षक स्कूलों में विद्यार्थियों को पूरी इमानदारी से पढ़ाने की बजाए विद्यार्थियों के अभिभावकों पर बच्चों को अतिरिक्त कक्षा भेजने का दबाव बनाते है।बता दें कि शासकीय शिक्षकों को विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई बार अतिरिक्त कक्षा ना पढ़ाने की समझाइश दी है, लेकिन इसके बावजूद कुछ शिक्षक अपनी मनमानी कर रहे है।वहीं, विभागीय स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण इन शासकीय शिक्षकों के हौसलें बुंलद है।

निजी शिक्षक एनके बिसेन, महेश राहंगडाले, आकाश शर्मा, सुमित कुंभलकर, शुभम बिसेन, रूपम श्रीगोचंद्र, केके मुर्खे, तोपेश गोकुलपुरे, पंकज बिसेन सहित अन्य ने बताया कि निजी संस्थाओं में मिलने वाला मानदेय सरकारी शिक्षकों की सैलेरी के अपेक्षा बहुत कम होता है इसीलिए वह विद्यार्थियों को अतिरिक्त कक्षा पढ़ाते है।लेकिन शासकीय शिक्षकों को सरकार मोटी सैलेरी और अन्य सुविधाएं देती है, परंतु इसके बाद भी शासकीय शिक्षक अतिरिक्त कक्षा और कोचिंग पढ़ाते है, जो निजी शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाते है उन निजी शिक्षकों को सरकारी शिक्षक योग्यता कम होने की बात कहकर बदनाम करते है।जबकि कई निजी स्कूल के शिक्षकों के पास सरकारी स्कूल के शिक्षकों से अधिक शैक्षणिक योग्यता है। सरकारी शिक्षकों ने एक सिंडिकेट बना लिया है और इस सिंडिकेट से जुड़े शिक्षक निजी शिक्षकों की अतिरिक्त कक्षा से चलने वाली रोजी रोटी को छिनने के लिए बच्चों और उनके अभिभावकों से सीधे संपर्क कर रहे है ताकि निजी शिक्षक किसी बच्चे को अतिरिक्त कक्षा ना पड़ा सके।
शासकीय शिक्षकों और शासकीय सेवकों के अतिरिक्त कक्षा और कोचिंग पढ़ाने से जहां निजी स्कूल के शिक्षक परेशान है। वहीं, पढ़े लिखे और बेरोजगार युवक और युवतियां भी परेशान है। चूंकि इन बेरोजगारों का कहना है कि वह गांव के बच्चों को पढ़ा लिखाकर अपना जीवन यापन करना चाहते है।मगर शासकीय शिक्षकों के अतिरिक्त कक्षा पढ़ाने से कोई बच्चा उनके पास नहीं जाता और जो बच्चा आ भी जाता है तो उस बच्चे के अभिभावक को सरकारी शिक्षक परेशान करते है।पड़ोसी जिले में शासकीय शिक्षकों के अतिरिक्त कक्षा और कोंचिग पढ़ाने पर पूर्णतः प्रतिबंध है,परंतु बालाघाट जिले के कटंगी विकासखंड में शासकीय शिक्षक बेखौफ होकर अतिरिक्त कक्षा ले रहे है।इस समस्या को देखते हुए निजी स्कूल के शिक्षकों ने सहायक संचालक शिक्षा विभाग कटंगी, जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर बालाघाट, लोक शिक्षण संचालनालय, शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
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