मध्य प्रदेश

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Shantanu Roy
22 July 2022 2:34 PM GMT
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बड़ी खबर

शिवपुरी। आषाढ़ के सूखे बीतने के बाद सावन शुरू होते ही मानसून अपने रंग में आ गया है। गुरुवार की रात और शुक्रवार को सावन की शहर में सावन की पहली झड़ी लगी। इस दौरान जमकर बादल बरसे। दो दिन में ही शहर में 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की जा चुकी है। इसके अलावा अंचल में भी अच्छी बारिश दर्ज की गई है। अचानक मौसम में आए बदलाव के चलते अब लोगों को गर्मी के साथ उमस से भी राहत मिली है। शुक्रवार को अधिकतम पारा गिरकर 28 डिग्री सेल्सियस पर आ गया।

वहीं न्यूनतम तापमान भी 24 डिग्री सेल्सियस रहा। गुरुवार की रात से रिमझिम बारिश शुरू हुई और देर रात का हल्की बारिश होती रही। इसके बाद शुक्रवार को दोपहर में करीब 12 बजे से फिर बारिश का सिलसिला शुरू हो गया। इसके बाद बीच-बीच में रुककर बादल बरसते रहे। दोपहर करीब चार बजे एक घंटे तक जोरदार वर्षा हुई। इसके बाद भी रिमझिम फुहारों के गिरने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। आज भी जिले में तेज वर्षा होने की संभावना मौसम विभाग ने जताई है।

आंकड़ों की बात करें तो भू अभिलेख अधीक्षक के अनुसार जिले में एक जून से अभी तक 297.13 मिमी औसत वर्षा दर्ज हुई है जो गत वर्ष से अधिक है। गत वर्ष इस दिनांक तक 224.17 मिमी औसत वर्षा हुई थी। अभी तक शिवपुरी में 335 मिमी, बैराड़ में 262.50 मिमी, पोहरी में 296 मिमी, नरवर में 358 मिमी, करैरा में 185 मिमी, पिछोर में 305.70 मिमी, कोलारस 436 मिमी, बदरवास में 273 मिमी तथा खनियांधाना में 223 मिमी वर्षा दर्ज हुई है। जिले औसत वर्षा 816.3 मि.मी. है। गत वर्ष जिले में कुल 1452.9 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई थी।
मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
मौसम विभाग ने शिवपुरी में मध्यम से भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। गुरुवार को भी एलर्ट जारी किया गया था और मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक साबित हुई। इसके बाद अब अगले 24 घंटे के लिए भी शिवपुरी को रेड जोन में रखा गया है और भारी बारिश की चेतावनी है। इस दौरान वज्रपात भी हो सकता है। साथ ही हवा 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चलेगी। इसलिए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
मौसम से राहत, सड़कों पर परेशानी
बारिश ने मौसम में गर्मी और उमस से तो राहत दे दी, लेकिन सड़कों पर परेशानी बढ़ा दी। तेज बारिश में एक बार फिर शहर में जगह-जगह जलभराव हो गया और लोगों का आना जाना मुश्किल भरा हो गया। हालांकि यह स्थिति हर बार बारिश में बनती है। शहर के प्रमुख चौराहों के साथ थीम रोड के किनारों पर भी पानी भर गया।
गत वर्ष आई थी बाढ़, अलर्ट पर प्रशासन
गत वर्ष जिले में अगस्त के पहले सप्ताह में बाढ़ आई थी। इस बार ऐसी स्थिति को लेकर प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर है। खासतौर पर डेम के गेट खोलने को लेकर काफी सावधानी बरती जा रही है। अभी मड़ीखेड़ा का जलस्तर 337 मीटर पर मेंटेन किया जा रहा है। जबकि पिछले वर्ष यह 344 मीटर तक भर गया था। इसके बाद अचानक गेट खोले गए और दूसरे जिलों में भी बाढ़ की स्थिति बन गई। इस पर पहले ही बिजली उत्पादन के लिए पानी छोड़ना शुरू कर दिया गया है। गत दिवस भी मोहिनी डेम से पानी छोड़ा गया था। सिंध के कैचमेंट एरिया में भी लगातार तेज बारिश हो रही है जिससे आने वाले दिनों में जलस्तर बढ़ सकता है।
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