- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- करंट की चपेट में आने...
झिरन्या। पर्यावरण असंतुलन व घटते वनों में इंसानों की मौजूदगी और भोजन पानी की तलाश में बंदरों ने अपना रुख गांवों की ओर कर लिया है। कुछ दिन पूर्व मिटावल में आए दो दर्जन बंदरों के झुंड से वहां कौतूहल था। उनमें से दो बंदरों की मौत ने ग्रामीणों के मन मस्तिष्क को झकझोर दिया है। पीपल के पेड़ और दो भवनों पर बंदरों को उछल कूद करते हुए देखकर बच्चे और ग्रामीण आनंदित होते थे। सभी का उनके प्रति काफी भावनात्मक लगाव हो गया था। परंतु विद्युत डीपी से पेड़ पर चढ़ने उतरने के दौरान 27 और 28 जुलाई को दो बंदरों की मौत हो गई। इस दौरान कई घरों में विद्युत उपकरण भी जल गए। ग्रामीणों में बढ़ते आक्रोश के चलते सहायक यंत्री विद्युत वितरण केंद्र भीकनगांव पुरुषोत्तम बैरागी ने डीपी हटाने का आश्वासन देकर मामला शांत किया। धार्मिक आस्था के चलते युवकों ने मृत बंदरों का सामाजिक परंपरा अनुसार अंतिम संस्कार किया। इस दौरान महेश तंवर, जितेंद्र राठौड़, राहुल पाटीदार, लालू सेन, अमन राठौर, गिरिराजसिंह तोमर आदि मौजूद थे।