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साल का सबसे बड़ा दिन और अनूठी खगोलीय घटना, उज्जैन में कुछ पल के लिए गायब हो गई परछाई
कहावत है की इंसान का साया उसका साथ कभी नहीं छोड़ता लेकिन आज का दिन ऐसा है कि इंसान का साया भी उसका साथ कुछ पल के लिए छोड़ देता है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में मंगलवार को कुछ पल के लिए परछाई भी गायब हो गई। जी हां, यह अनूठी खगोलीय घटना दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर हुई है। इस घटना को शंकु यंत्र के जरिए देखा भी गया। उज्जैन शहर में स्थित पुरानी जीवाजी वेधशाला में कई लोग इसे देखने पहुंचे थे।
दरअसल आज से सूर्य दक्षिण की और गति करना प्रारम्भ कर देता है। जिससे दिन छोटा और रात बड़ी हो जाती है। इसके बाद 23 सितंबर को 12 घंटे की रात और 12 घंटे का दिन होगा। आज उत्तरी गोलार्ध में सबसे बड़ा दिन है। उज्जैन में आज दिन 13 घंटे 34 मिनट का और रात 10 घंटे 26 मिनट की होगी। दिन बड़ा और रात सबसे छोटी होने के कारण आज 21 जून को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर परछाई ने भी साथ छोड़ दिया था।
उज्जैन काल गणना केंद्र
बताया जाता है कि ऐसा सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होने से होता है। भारत में चार वेधशाला हैं। जिसमें से एक उज्जैन में स्थित है। जहां कालगणना के केंद्र होने के साथ ही उज्जैन से होकर गुजरी कर्क रेखा भी शामिल है। दरअसल कर्क रेखा पर स्थित शंकु यंत्र पर 21 जून को 12 बजकर 26 मिनट पर पड़ने वाली सूर्य की किरण गायब हो जाती है।
जब सूर्य भूमध्य रेखा पर आता है, तो पूरे विश्व में दिन और रात बराबर होते हैं। इस खगोलीय घटना के चलते भूमध्य रेखा और कर्क रेखा के बीच रहने वाले लोगों की दोपहर में सूर्य की रोशनी से परछाई नहीं बनती है। उज्जैन के जीवाजी वेधशाला पर लोगों को इस खगोलीय नजारे को दिखाने की तैयारी की गई थी।
वेधशाला अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रसाद गुप्ता के अनुसार उज्जैन, कर्क रेखा के नजदीक स्थित है। सूर्य के उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा पर लंबवत होने पर दोपहर को परछाई कुछ पल के लिए शून्य हो जाती है। वेधशाला में इस खगोलीय घटना को शंकु यंत्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। खगोलीय घटना में आज सूर्योदय सुबह 5 बजकर 42 मिनट पर और सूर्यास्त शाम 7 बजकर 16 मिनट पर होता है।
इसके कारण दिन सबसे बढ़ा 13 घंटे 34 मिनट का और रात 10 घंटे 26 मिनट की होगी। 21 जून के बाद सूर्य की गति दक्षिण की ओर होगी। इसे दक्षिणायन का प्रारंभ कहते हैं ।