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भोपाल | कांग्रेस छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में गए और चुनाव से पहले वापस कांग्रेस में आ गए, ऐसे सिंधिया समर्थकों के लिए कांग्रेस ने अपनी शर्त सख्त कर दी है। आज सुबह दिल्ली में हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में यह तय किया गया है, दरअसल एक सीट पर ऐसे ही एक सिंधिया समर्थक का नाम सामने आ गया, जिस पर कांग्रेस के सभी नेता मुखर हो गए और इसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भंवर जितेंद्र सिंह को यह व्यवस्था बनाना पड़ी।
वहीं यह भी निर्णय हुआ कि तीन बार विधानसभा का चुनाव हारने वाले नेता के साथ ही उनके परिजनों को भी पार्टी टिकट नहीं देगी। कुछ वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिए जाने को लेकर भी बैठक में पेंच फंस गया है। मंगलवार को करीब पौने पांच घंटे स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक कांग्रेस के वार रूम 15 जीआरजी में हुई थी। आज सुबह भी यहीं पर बैठक हुई।
पठ्ठावाद भी खत्म किया
यह भी निर्णय हुआ कि तीन बार जो विधानसभा चुनाव हार चुके हैं, उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा, उनके परिजनों को भी उम्मीदवार नहीं बनाएगी। नेताओं का पठ्ठावाद लगभग खत्म कर दिया गया है। मंगलवार की शाम को हुई स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सबसे पहले ही यह कर दिया कि किसी भी नेता से उम्मीदवार को लेकर कोई लिस्ट नहीं ली जाएगी, जो भी सर्वे और संगठन से नाम सामने आए हैं, उन पर ही चर्चा होगी। बैठक में कुछ नेताओं ने अपने समर्थकों को टिकट दिए जाने की वकालत की, लेकिन पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि चर्चा तो उन्हीं नामों पर होगी जो सर्वे में सामने आए हैं। इस तरह से करीब सौ सीटों पर विचार किया गया। इनमें से अधिकांश पर सिंगल नाम तय कर लिए गए हैं।
कुछ वर्तमान विधायक पर नहीं बन सकी सहमति
आज सुबह करीब साढ़े नौ बजे से कांग्रेस के वार रूम में ही सभी नेता फिर से जुटे। सभी ने बाकी की बची हुई सीटों पर विचार शुरू किया। इसमें वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिए जाने को लेकर भी बातचीत हुई। इसमें जिनकी स्थिति बेहतर नहीं हैं, उन पर ज्यादा चर्चा हुई। इस लेकर कुछ नेताओं ने जिनकी स्थिति सर्वे में बेहतर आई है, उनका सिंगल नाम केंद्रीय चुनाव समिति को भेजने की सिफारिश की, लेकिन इस पर एक राय नहीं बन सकी। इस बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह, अजय कुमार लल्लू, सप्तगिरी उल्का के अलावा कमलनाथ, रणदीप सिंह सुरजेवाला, दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, सुरेश पचौरी, अजय सिंह, कांतिलाल भूरिया, कमलेश्वर पटेल सहित प्रदेश कांग्रेस के सह प्रभारी भी मौजूद थे।
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