मध्य प्रदेश

रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की जरूरत: अश्विनी वैष्णव

Shantanu Roy
6 July 2022 1:49 PM GMT
रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की जरूरत: अश्विनी वैष्णव
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जबलपुर। केंद्रीय सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के एक उपक्रम, मिनी रत्न कहे जाने वाले रेलटेल को भारतीय रेल की एक महत्वपूर्ण परियोजना के क्रियान्वयन का कार्य सौंपा गया है, जिसमें रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) (सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क) की स्थापना का कार्य आरंभ किया गया है और इस कार्य के लिए एजेंसियों को नियुक्त करके एक बड़ा कदम उठाया गया है। यह परियोजना का पहला चरण है जिसमें भारतीय रेलवे के कुल 756 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को शामिल किया जाएगा। इनमें पश्चिम मध्य रेलवे के भी कुल 15 रेलवे स्टेशन शामिल किए जाएंगे। यह कार्य जनवरी, 2023 तक पूरा किया जाने की सम्भावना है। शेष स्टेशनों का कार्य फेज-2 के क्रियान्वयन के समय शामिल किया जाएगा। इससे रेल सुरक्षा बल अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक तरह की अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी। सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाली वीडियो फीड की रिकॉर्डिंग 30 दिनों के लिए स्टोर की जा सकेगी। पश्चिम मध्य रेलवे के स्टेशनों में भोपाल मण्डल के बीना, रानी कमलापति, होशंगाबाद, विदिशा, जबलपुर मण्डल के पिपरिया, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, रीवा, दमोह एवं सागर तथा कोटा मण्डल के भरतपुर, सवाईमाधोपुर एवं कोटा रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है।

माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, ''हमें रेलवे में नई तकनीक को तेजी से समाहित करने की आवश्यकता है, विशेषकर रोलिंग स्टॉक, निर्माण, सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, या ऐसी स्थितियों में जहां मानव इंटरफेस हो''। यात्रियों की सुरक्षा रेल मंत्रालय के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में से एक है। रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए, भारतीय रेलवे स्टेशनों पर इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) आधारित वीडियो निगरानी प्रणाली (वीएसएस) स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जिसके अंतर्गत प्रतीक्षालय, आरक्षण काउंटर, पार्किंग क्षेत्र, मुख्य प्रवेश ध् निकास, प्लेटफार्म, फुट ओवर ब्रिज, बुकिंग कार्यालय आदि को शामिल किया जाएगा। रेल मंत्रालय ने निर्भया फंड के तहत भारतीय रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर वीडियो निगरानी प्रणाली के लिए कार्यों को मंजूरी दी है। रेलटेल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अरुणा सिंह ने आश्वासन दिया कि निष्पादन एजेंसियों को नियुक्त कर देने के साथ, परियोजना के कार्यान्वयन में तेजी आएगी। इस प्रोजेक्ट में सबसे आधुनिक सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा।
यह वीएसएस सिस्टम आईपी बेस्ड होगा तथा इसमें सीसीटीवी कैमरों का एक नेटवर्क होगा। ये सीसीटीवी कैमरे ऑप्टिकल फाइबर केबल पर काम करेंगे और सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फीडिंग न केवल स्थानीय आरपीएफ पोस्टों पर बल्कि मंडल और जोनल स्तर पर सेंट्रलाइज सीसीटीवी कंट्रोल रूम में भी प्रदर्शित की जाएगी। स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी कैमरे और वीडियो फीड को इन 3 स्तरों पर मॉनिटर किया जाएगा ताकि रेलवे परिसरों की संरक्षा और सुरक्षा में बढ़ोतरी सुनिश्चित हो सके। इस सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इनेबल वीडियो एनालिटिक्स सॉफ्टवेयर और फेसियल रिकॉगनिशन सॉफ्टवेयर काम करता है जिससे जाने-पहचाने अपराधियों का स्टेशन परिसरों में आने पर, उनका पता लगाने तथा उसका अलर्ट जारी करने में मदद मिलेगी। कैमरों, सर्वर, यूपीएस और स्विचों की मॉनिटरिंग के लिए नेटवर्क मेनेजमेंट सिस्टम (एनएमएस) की व्यवस्था भी की गई है जिसे किसी भी प्राधिकृत अधिकारी द्वारा किसी भी वेब ब्राउजर के माध्यम से देखा जा सकता है। 4 प्रकार के आईपी कैमरे (डॉम टाइप, बुलेट टाइप, पैन टिल्ट जूम टाइप और अल्ट्रा एचडी-4के) स्थापित किए जा रहे हैं ताकि रेलवे परिसरों के भीतर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित हो सके।
रेलटेल के बारे में
रेलटेल, रेल मंत्रालय के अधीन एक ''मिनी रत्न (श्रेणी- I)'' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो देश के सबसे बड़े तटस्थ दूरसंचार अवसंरचना प्रदाताओं में से एक है, और आईसीटी समाधान और सेवा प्रदाता है, जिसके पास देश के कई कस्बों, शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों को कॅवर करने वाला एक अखिल भारतीय ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क है। रेलटेल देशभर के रेलवे स्टेशनों पर सार्वजनिक वाई-फाई उपलब्ध कराकर रेलवे स्टेशनों को डिजिटल हब में परिवर्तित करने के लिए भारतीय रेलों के साथ भी कार्य कर रहा है और कुल 6100 स्टेशन रेलटेल के रेलवॉयर वाई-फाई के साथ लाइव हैं।
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