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मध्य प्रदेश
मध्य-प्रदेश: निकाय चुनाव में कम मतदान के गिनाए कारण, BJP ने राज्य चुनाव आयुक्त से की मुलाकात
Kajal Dubey
7 July 2022 4:08 PM GMT
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मध्य प्रदेश नगरीय निकाय चुनाव में कम मतदान को लेकर बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह से मुलाकात की। साथ ही कम मतदान के कारण गिनाते हुए पत्र सौंपा।
बीजेपी प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, पूर्व सांसद आलोक संजर समेत अन्नय सदस्य शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने एक पत्र आयुक्त को संबोधित करते हुए कहा कि सात वर्षों के बाद संपन्न नगरीय निकाय चुनाव के प्रथम चरण में बहुत अव्यवस्थायें सामने आई। प्रथम चरण निर्वाचन में मतदाताओं को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाताओं को जागरूक करने के उद्देश्य से कोई ठोस कदम नहीं उठाने का कारण कारण गिनाया गया। जिसके कारण मतदाताओं को मतदान में ठोस कार्यक्रम नहीं चलाया गया जिसके कारण मतदाताओं को मतदान में कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
मतदान केंद्र बदलने से भटके मतदाता
इसके अलावा जिन मतदाताओं के नाम मतदाता सूचिओं में थे, उनमें से अधिकाशं मतदाताओं को मतदान पर्चियां प्राप्त नहीं हुई है, जिसके कारण हजारों की संख्या में मतदाता मतदान के अधिकार से वंचित रहे गए। वहीं, जिन मतदाताओं ने पिछली विधानसभा चुनाव में जिन मतदान केन्द्रों पर वोट डाला था. अब उनके मतदान केन्द्र बिना सूचना के बदल दिए गए। जिसके कारण मतदाताओं को मतदान करने के लिये भटकना पड़ा।
बीएलओ ने मतदान पर्चियां वितरित नहीं की
बीएलओ के ऊपर कोई भी प्रभावी नियंत्रण नहीं होने के कारण उन्होंने मतदान पर्चियां मतदाताओं को वितरित नहीं की। प्रतिनिधि मंडल ने अपने काम में लापरवाही बरतने वाले बीएलओ को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की। इसके लिए जिला कलेक्टर को निर्देश देने को कहा। बीएलओ के कर्तव्यों में लापरवाही के कारण ही मतदान का प्रतिशत कम हुआ है।
दूसरे चरण में पर्चियां वितरित करने दे निर्देश
द्वितीय चरण में जिन जिलों के नगरीय निकायों में मतदान प्रस्तावित है, वहां के जिला कलेक्टरों को आज से ही यह निर्देश दे कि वे शेष मतदान पर्चियां युद्ध स्तर पर मतदाताओं को वितरित कराकर आपको सूचित करें। ताकि मतदान का प्रतिशत बढ़ सके।
केंद्रीय कर्मचारी मतदान नहीं कर सके
काफी संख्या केन्द्रीय कर्मचारी भी मतदान करने से वंचित रह गये है। कृपया इसका कारण ज्ञात करने का कष्ट करें। साथ ही जिन बीएलओ ने घर-घर जाकर मतदाता सूचियों का सर्वे नहीं किया है, जिसके कारण कई मतदाताओं के नाम मतदाता सूचियों में सम्मिलित होने से छूट गये है। उनके विरुद्ध संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा क्या कार्यवाही की गई है।
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