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- जानिए कैसे लव मैरिज ने...
मध्य प्रदेश के सागर जिले के आदिवासी विकासखंड केसली में है नाहरमऊ गांव. इस गांव में 21 साल की महिला जानकी गोंड को ग्रामीणों ने निर्विरोध सरपंच चुना है. उनके सरपंच चुनने के पीछे की कहानी दिलचस्प है. दरअसल, उन्होंने चार साल पहले नाहरमऊ के ही रहने वाले गौरव पटेल से लव मैरिज की थी. घर बस गया और जिंदगी चलने लगी. अब जब जानकी से कोई सवाल करता है तो वे कहती हैं कि उन्होंने कभी भी नहीं सोचा था कि वह कभी गांव की प्रधान बनेंगी. ये कुछ इस तरह हुआ है जैसे भगवान की ही मर्जी हो और सबकुछ अपने आप हो गया.
बता दें, ग्राम पंचायत नाहरमऊ अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित की गई थी. इसके बाद जब गांव में सरपंच प्रत्याशी की तलाश शुरू की गई तो वहां सिर्फ जानकी ऐसी महिला निकलीं जो इस वर्ग से ताल्लुक रखती हैं. जानकी का गांववालों और परिवार वालों ने हौंसला बढ़ाया और उन्हें निर्विरोध सरपंच बनाने का एक मत से फैसला किया. गौरतलब है कि अब आदिवासी विकास खंड केसली की नाहरमऊ ग्राम पंचायत प्रदेश की समरस पंचायतों में शामिल होगी. यहां पर जानकी निर्विरोध सरपंच और 16 पंच भी निर्विरोध चुने गए हैं. जिले की सबसे कम उम्र की सरपंच बनने का मौका जानकी को मिला है.
मेरा परिवार बड़ा हो गया- जानकी
इस मौक पर जानकी ने कहा कि अब उनकी प्राथमिकताएं बदल गई हैं. पहले वे घर तक ही सीमित थीं, लेकिन अब उनका परिवार बहुत बड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि मैं गांव की हर समस्या को गंभीरता से लूंगी और उनका हल निकालूंगी. सबसे जरूरी शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने कहा- मैंने खुद केवल 10वीं तक पढ़ाई की है, इसलिए यहा हायर सेकंडरी खुलवाना मेरी प्रथामिकताओं में से एक है. हमारी अगली पीढ़ी पढ़े-लिखे और आगे बढ़े. मैं पुलिस चौकी यहीं खुलवाने की कोशिश करूंगी, ताकि सुरक्षा का पूरा प्रबंध हो. हर घर पानी पहुंचाना, शौचालय की व्यवस्था, आवास की व्यवस्था, अच्छी सड़कों की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दूंगी.