मध्य प्रदेश

पत्नी को नहीं दे रहा था भरण पोषण, कोर्ट भेजने वाला था जेल, मां ने मंगलसूत्र गिरवी रख दिए रुपए

Harrison
7 Oct 2023 10:40 AM GMT
पत्नी को नहीं दे रहा था भरण पोषण, कोर्ट भेजने वाला था जेल, मां ने मंगलसूत्र गिरवी रख दिए रुपए
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मध्यप्रदेश | एक मां ने अपने बेटे को जेल जाने से बचाने के लिए अपना ही मंगलसूत्र गिरवी रख दिया. मंगलसूत्र के गिरवी रखने से आए रुपए अपनी बहू को दिए और बेटा जेल जाने से बच गया. कुटुंब न्यायालय में इस केस की चर्चा भी रही, क्योंकि कोर्ट के आदेश पर पति को हिरासत में ले लिया था.
अधिवक्ता हरीश दीवान ने बताया कि किशन सिंह के खिलाफ उसकी पत्नी ने भरण पोषण का केस दायर किया है. कोर्ट ने भरण पोषण का आदेश दिया था, लेकिन उसने पत्नी को भरण पोषण राशि का भुगतान नहीं किया. भरण पोषण की राशि 48 हजार रुपए हो गई, जब राशि का भुगतान नहीं किया गया तो पत्नी ने भी आपत्ति की. इसके चलते कोर्ट ने किशन सिंह को गिरफ्तारी वारंट पर तलब किया. उसे पुलिस कोर्ट लेकर पहुंची. उसने 48 हजार में 10 हजार रुपए देने की बात कही. वह 10 हजार रुपए साथ लेकर आया था. शेष राशि तीन दिन में देने का समय मांगा. इसको लेकर कोर्ट ने नाराजगी जताई और उसे जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी. किशन के साथ माता-पिता भी साथ आए थे. बेटे को जेल जाने से बचाने के लिए मां ने अपना मंगलसूत्र गिरवी रख दिया. मंगलसूत्र के गिरवी रखने से दस हजार रुपए मिले, जिसे बहू को दिए. उसके बाद जाने से राहत मिली.
हाईकोर्ट में राज्य शासन ने उस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का जवाब दे दिया, जिसमें विदेशी नागरिक अलमक्की ने अवैध हिरासत बताते हुए जेल से मुक्त करने की मांग की है. राज्य शासन ने तर्क दिया अलमक्की किस देश का रहने वाला है. यह तय नहीं हुआ है. जब इसे पकड़ा गया था, तब इसने खुद को सऊदी अरेबिया का नागरिक बताया था, लेकिन सऊदी अरेबिया के दस्तावेज नहीं मिले. इसके पास बांग्लादेश के दस्तावेज मिले, लेकिन बांग्लादेश के दूतावास से इसकी पहचान कराई तो उन्होंने अपने यहां नागरिक मानने से मना कर दिया. यह देश में जासूसी करने के लिए बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसा था. यह किस देश का नागरिक है, यह तय नहीं हो जाता है तब तक इसे डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. यहां सश्रम परिश्रम नहीं कराया जा रहा है. सुरक्षा की दृष्टि से डिटेंशन सेंटर में रखा गया है. डिटेंशन सेंटर जेल नहीं है. याचिका पर 10 अक्टूबर को फिर से सुनवाई होगी.
दरअसल 2014 को स्टेशन बजरिया में पड़ाव थाना पुलिस ने अलमक्की को पकड़ा था. पुलिस ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा और जांच के बाद चालान पेश किया. कोर्ट ने देश में अवैध रूप से प्रवेश के मामले में अलमक्की को सजा सुनवाई थी. सजा पूरी होने के बाद अलमक्की को डिटेंशन सेंटर में रखा गया. इसके बाद 2018 में अलमक्की पड़ाव थाने से फिर भाग गया और पुलिस ने हैदराबाद से फिर से गिरफ्तार किया. तभी से यह डिटेंशन सेंटर में रह रहा है. इसको लेकर उसने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. उसकी ओर से तर्क दिया कि उसे जेल में अवैध हिरासत में रखा जा रहा है. इसलिए उसे जेल से मुक्त कर उसके देश भेजा जाए. शासन ने इसके जवाब में कहा कि यह पुलिस की हिरासत से दुबारा भाग गए थे, जिसके चलते अलमक्की का दुबारा अभियोजन करना पड़ा.
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