मध्य प्रदेश

पीएचई 16.50 के हुए घोटाले में ट्रेजरी कर्मचारियों की भूमिका पर उठने लगी उंगलियां

Admin4
3 Aug 2023 1:18 PM GMT
पीएचई 16.50 के हुए घोटाले में ट्रेजरी कर्मचारियों की भूमिका पर उठने लगी उंगलियां
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ग्वालियर। पीएचई हुए 16.50 करोड़ के घोटाले का मामला अब तूल पकडऩे लगा है इस मामले में अब ट्रेजरी कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठने लगे हैं। इसका खुलासा होने के बाद मुख्य अभियंता आरएलएस मौर्य ने संभागीय आयुक्त दीपक सिंह को पत्र लिखकर ट्रेजरी की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। दूसरी तरफ घोटाले में शामिल संदिग्ध कर्मचारियों की संपत्ति का ब्यौरा जुटाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा यह भी पता लगाया जा रहा है कि जिन निजी खातों में भेजकर इस रकम को निकाला गया है, उसे कहां खर्च किया गया है। ट्रेजरी के कर्मचारियों पर उंगलियां इसीलिए उठ रही है कि क्लोरीन खरीदने के लिए वर्ष 2018-19 में छह करोड़ 24 लाख 71 हजार 186 रुपए का भुगतान एक फर्म को किया गया है। जबकि क्लोरिन क्रय करने की जिम्मेदारी नगर निग के पास है। इतना ही नहीं क्लोरिन क्रय के जो बिल बने है उन पर किसी के भी हस्ताक्षर तक नहीं है।
यहां बता दे कि 71 फर्जी खातों में हुए 16.42 करोड़ रुपए के भुगतान में अलग-अलग खातों में छोटी से लेकर बड़ी रकम जमा हुई है। इसमें पाताली हनुमान तानसेन नगर स्थित फर्म मां पीतांबरा हाथकरघा वस्त्र उद्योग के नाम पर सबसे ज्यादा 6.24 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान हुआ है। जब इस मामले से जुड़ी फाइलें खंगाली गईं, तो तीन करोड़ रुपए से अधिक के बिल रिकार्ड में मिले। इसमें क्लोरीन परीक्षण ट्यूब व किट के नाम पर अलग-अलग बिल लगाए गए हैं। 71 खातों में से 21 खाते ऐसे हैं, जिनके नाम ही सूची में नहीं दिख रहे हैं। ट्रेजरी और विभाग की भी जानकारी नहीं है कि ये खाते हैं किसके। ऐसे में पीएचइ के मुख्य अभियंता ने अलग-अलग बैंकों को पत्र लिखकर इन खातों के असली मालिकों के नामों की जानकारी मांगी है।
गड़बड़ी करने वाले कर्मचारियों ने पैसा वापसी की भी पेशकश की है कि वे कुछ रकम नगद के रूप में लौटा देंगे। साथ ही इन कर्मचारियों के बारे में अब विभाग के पास कई शिकायते पहुंच रही है।
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