मध्य प्रदेश

खरीफ की 85 फीसदी बुआई बाकी, अब तक बारिश नहीं

Admin4
19 July 2022 2:02 PM GMT
खरीफ की 85 फीसदी बुआई बाकी, अब तक बारिश नहीं
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सतना. मध्य प्रदेश का मालवा, चंबल, महाकौशल इलाका बाढ़ के हालात से जूझ रहा है. लेकिन विन्ध्य क्षेत्र भीषण सूखे की चपेट में जाता दिख रहा है. आषाढ़ मास में बूंदाबादी हुई लेकिन सावन में धूल ही धूल उड़ रही है. मौसम विभाग के सारे पूर्वानुमान फेल हो रहे हैं. काली घटाएं बिन बरसे ही गुजर रही हैं. किसान बेबस नज़र आ रहा है. खेतों की जुताई कर चुका है धान के पौधे तैयार हैं लेकिन सूखे के कारण वो पौधे लगा ही नहीं पा रहा है. हालात ये हैं कि अकेले सतना जिले में ही अब तक खरीफ की 85 प्रतिशत बोनी नहीं हो पायी है.

मॉनसून का एक महीना बीत गया लेकिन विंध्य इलाके को अब भी बारिश का इंतजार है. आम हों या किसान सब आसमान की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं. किसान कर्ज लेकर खाद बीज का इंतजाम कर चुका लेकिन बारिश न होने के कारण वो बोनी नहीं कर पा रहा है.

नदी नाले सूखे पड़े

सतना जिले में सावन में भी सूखा पड़ा हुआ है. नदी नाले में एक बूंद पानी नहीं. खेत तालाब सूखे पड़े हैं. इस पूरे विंध्य इलाके में जून माह में बूंदाबांदी हुई. अच्छी बारिश के अनुमान में किसानों ने समय पर खेतों की जुताई कर बोवनी की तैयारी कर ली. बाजार से खाद बीज खरीद लिया. धान के पौधे तैयार किये. लेकिन बस उसके बाद बारिश ही नहीं हो पायी. इसलिए खान के पौधे अभी तक नहीं रोंपे जा सके. खेतों में धूल उड़ रही है. धान के पौधे खराब हो रहे हैं. बुवाई का का ये आखिरी सप्ताह है. किसानों के सब्र का बांध टूट रहा है. खेतों में बोई गई तिलहन और दलहन फसल भी सूख रही है.

85 प्रतिशत बोवनी बाकी

सिर्फ उन किसानों की फसल किसी तरह सुरक्षित है जिनके पास ट्यूबवेल है. वो सिंचाई कर खेतों में पानी भर रहे हैं. लेकिन बाकी 85 प्रतिशत किसान अब तक बोवनी के इंतजार में आसमान की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं. किसानों का कहना है घर की जमा पूंजी खत्म हो चुकी है. खाद बीज और जुताई में बड़ी राशि खत्म हो गई. मगर खेत वीरान पड़े हैं. एक भी बीज खेतों में नहीं बोया जा सका. किसान कर्जदार हो गया है.

मौसम विभाग का पूर्वानुमान फेल

सतना सहित पूरे विन्ध्य क्षेत्र में मौसम विभाग का पूर्वानुमान फेल हो गया है. काली घटाएं आसमान में छाती तो जरूर हैं लेकिन बिना बरसे ही चली जाती हैं. सावन में भी जून जैसी तपन है. उमस से लोग बेहाल हैं. कृषि विभाग कह रहा है यदि इस सप्ताह तेज बारिश नहीं हुई तो धान की फसल खत्म हो जाएगी. इस वर्ष 275 हजार हेक्टेयर जमीन पर धान की रुपाई का लक्ष्य था जो अब पूरा होना असंभव लग रहा है.

सूखे के हालात

जिले में सूखे की आशंका से लोग परेशान हैं. प्रदेश के अधिकांश हिस्से में बाढ़ के हालात हैं मगर सतना सहित विन्ध्य अंचल सूखे से जूझ रहा है. यदि इस हफ्ते बारिश नहीं हुई तो जिले में हालात बिगड़ जाएंगे.

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