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द्रौपदी मुर्मू को वोट देने के लिए 50 लाख और मंत्री पद का ऑफर
भोपाल. 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव से पहले एमपी की सियासत में एक बार फिर बवाल उठ खड़ा हुआ है. कांग्रेस के 28 आदिवासी विधायकों को एनडीए की आदिवासी उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट कराने के लिए भाजपा के बड़े नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. लेकिन कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने बीजेपी पर बड़े और गंभीर आरोप लगाकर सियासी हंगामा खड़ा कर दिया है.
अपने पक्ष में वोटिंग की अपील करने के लिए भोपाल पहुंचे विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में वोट करने की अपील की. लेकिन इसी दौरान कांग्रेस के विधायकों ने खड़े होकर उन्हें बीजेपी से मिल रहे प्रलोभन की बात कह कर बड़ी हलचल मचा दी.
कांग्रेस के आदिवासी विधायक उमंग सिंघार ने कहा उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट करने के लिए फोन आया था. इसके एवज में 50 लाख रुपए देने की बात कही गई थी. सिंघार ने कहा हमने कह दिया है कि कांग्रेस के सभी आदिवासी विधायक कांग्रेस पार्टी के साथ हैं और यशवंत सिन्हा के समर्थन में ही वोट डालेंगे.
वही कांग्रेस के दूसरे आदिवासी विधायक पाची लाल मेड़ा ने आरोप लगाया कि उन्हें भी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट डालने के लिए फोन कॉल आया था. पाची लाल मेड़ा ने कहा कि उन्हें मंत्री पद भी ऑफर किया गया है.
अपने समर्थन में वोट की अपील करने के लिए भोपाल आए विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने विधायकों पर दबाव डालने पर दुख व्यक्त किया है. यशवंत सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा आज मैं बेहद दुखी हूं. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के विधायक कह रहे हैं कि वोटिंग के लिए पैसे का प्रलोभन दिया जा रहा है. बीजेपी आज अटल बिहारी वाजपेई वाली भाजपा नहीं रही. मेरे खड़े होने पर सरकार बेहाल हो गई है. इसलिए विधायकों को फोन कर खरीद-फरोख्त की जा रही है. एमपी के 28 आदिवासी विधायकों पर डोरे डाले जा रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा उन्हें कई और विधायकों से इस बात की जानकारी मिली है कि उन्हें द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट डालने के लिए प्रलोभन दिए जा रहे हैं. दबाव की राजनीति की जा रही है. राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए इस तरीके की राजनीति ठीक नहीं है. कांग्रेस के विधायक विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में वोट डालेंगे.
राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को वोटिंग है. मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक राष्ट्रपति पद के लिए अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे. बीजेपी अपना वोट प्रतिशत बढ़ाने की तैयारी में है. वहीं कांग्रेस के सामने अपना वोट बचाने की चुनौती है. विधानसभा में बीजेपी के 126 विधायक हैं. जबकि कांग्रेस के 96 विधायक हैं. इन विधायकों में भी क्रॉस वोटिंग की आशंका है. ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश में जुटी है. बीजेपी आदिवासी वर्ग की महिला के समर्थन के नाम पर विपक्ष के वोटों में भी सेंध लगाने की कोशिश में है.