मध्य प्रदेश

200 लोगों का किया गया रेस्क्यू, बिजली गिरने से MP में अब तक 111 लोगों की मौत

Admin4
13 July 2022 2:31 PM GMT
200 लोगों का किया गया रेस्क्यू, बिजली गिरने से MP में अब तक 111 लोगों की मौत
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भोपाल। मध्य प्रदेश में लगातार बारिश का दौर जारी है. बारिश कई जगह आफत लेकर आई है. मंगलवार से लगातार हो रही भारी बारिश से हरदा जिले में बाढ़ आ गई और 70 से ज्यादा घर जलमग्न हो गए. वहीं खंडवा-हरदा स्टेट हाईवे पर पानी आने से हाईवे को बंद करना पड़ा. हरदा जिले में बच्चों और महिलाओं समेत कम से कम 200 लोगों का रेस्क्यू किया गया और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इधर मंचा नदी के ओवरफ्लो होने से भोपाल-बैतूल को जोड़ने वाला हाईवे बंद कर दिया गया. मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को कहा कि बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कई टीमों को तैनात किया गया है. (Rain Alert in MP)

रेड और येलो अलर्ट जारी: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के क्षेत्रीय कार्यालय ने पहले ही चेतावनी जारी की थी कि हरदा जिले में भारी बारिश होगी. स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों को एक दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया है. आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बैतूल जिले में 140 मिमी, पचमढ़ी में 111 मिमी, खंडवा में 68 मिमी, सिवनी में 58 मिमी बारिश हुई है. विभाग ने रायसेन, भोपाल, नीमच, नरसिंहपुर, बालाघाट और मंडला जैसे जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. वहीं, आईएमडी ने हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, नर्मदापुरम, देवास, खरगोन, बड़वानी और कुछ अन्य जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है.

बिजली गिरने से अब तक 111 लोगों की मौत: मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है. जगह-जहग बिजली गिरने की घटनाएं भी सामने आई हैं. रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में पिछले एक-डेढ़ महीने में बिजली गिरने से 111 लोगों की मौत हो चुकी है. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के अनुसार, 11 और 12 जुलाई को दो दिनों में अकेले राज्य की राजधानी भोपाल में लगभग 7,000 आकाशीय बिजली गिरने की सूचना है. आकाशीय बिजली से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की आपदा प्रबंधन शाखा एडवाइजरी जारी की है.

छिंदवाड़ा में पटरी के नीचे से बह गई मिट्टी: छिंदवाड़ा जिले में लगातार हो रही बारिश ने कहर बरपा रखा है. आलम यह है कि भीमालगोंदी के पास रेलवे पटरी की मिट्टी बह गई. करीब 2 घंटे रमाकोना रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को खड़ा रखा गया. जानकारी मिलते ही इंजीनियरिेंग विभाग और ट्रैक मेंटेनेंस की सुधार कार्य टीम भी पहुंच गई. सुधार कार्य होने के बाद ट्रेन को छिंदवाड़ा रवाना किया गया. अगर वक्त रहते सुधार कार्य नहीं किया जाता तो बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था.

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