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तिरुवनंतपुरम, (आईएएनएस)| कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में उनके सबसे कट्टर समर्थक को भी शशि थरूर की जीत की उम्मीद नहीं थी, लेकिन तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर से एक विश्वसनीय लड़ाई की उम्मीद की जा रही थी और ठीक ऐसा ही हुआ। उन्होंने कुल 9,000 से अधिक वोटों में से 1,072 वोट हासिल किए, जो 12 प्रतिशत है। संयोग से, पिछली बार इसी तरह का चुनाव हुआ था जब जितेंद्र प्रसाद ने सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था, तब उन्हें कोई खास वोट नहीं मिले थे। उससे पहले मराठा नेता शरद पवार और राजेश पायलट ने भी एआईसीसी के आधिकारिक उम्मीदवार सीताराम केसरी के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन कुछ खास निशान नहीं छोड़ पाए। इसकी तुलना में, थरूर को इस बात पर गर्व हो सकते हैं कि उन्होंने एक बड़ी छाप छोड़ी और चार अंकों (1,072 ) के वोट हासिल किए।
इस बीच सूत्रों के मुताबिक थरूर के नामांकन फॉर्म में केरल से 16 सदस्यों ने नामांकन फॉर्म में हस्ताक्षर किए थे, अपने गृह राज्य से 297 वोटों में से 130 वोट हासिल करने में कामयाब रहे, जो कि अच्छा आंकड़ा है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है और थरूर को निश्चित रूप से पार्टी में एक महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा।
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