पालक्काड। केरल के मेलामुरी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता ए श्रीनिवासन (44) की हत्या मामले में राज्य पुलिस की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अब इस जांच को अपने हाथ में लेगी।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीटीआई) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एडीएसडीपीआई) के प्रदेश के नेताओं सहित इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के आतंकवादियों से संबंध हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को मामले की जांच करने का आदेश जारी कर दिया है और एनआईए की कोच्चि इकाई ने जांच शुरू कर दी है। इससे पहले, एनआईए कोच्चि इकाई ने पीएफआई के नेताओं की गिरफ्तारी के बाद एक रिपोर्ट केंद्र को सौंपी थी। गिरफ्तार किए गए लोगों में जिसमें पट्टांबी के राज्य सचिव सी.ए. रऊफ, पीएफआई के एक अन्य नेता याहिया थंगल, एसडीपीआई राज्य समिति के सदस्य एस.पी. अमीर अली शामिल थे। इन लोगों को श्रीनिवासन की हत्या की साजिश रचने में शामिल पाया गया था।
एनआईए सूत्रों ने कहा कि वे केरल पुलिस से केस डायरी प्राप्त करने के बाद कोच्चि एनआईए अदालत में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करेंगे। एनआईए के अधिकारियों ने पहले ही केरल पुलिस द्वारा श्रीनिवासन और ए संजीथ की हत्या के मामलों में गिरफ्तार किए गए लोगों का आतंकवादियों से संबंध होने को लेकर जानकारी इकट्ठा की है। संजीथ की 15 नवंबर, 2021 को हत्या कर दी गई थी।
केरल पुलिस ने जिन 41 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया, उनमें से ज्यादातर पीएफआई और एसडीपीआई के स्थानीय नेता हैं। श्रीनिवासन हत्याकांड में पहचाने गए 44 में से तीन को खाड़ी देशों में भाग जाने की आशंका है और पुलिस ने इन्हें पकड़ने के लिए रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया जाएगा फैसला लिया है। पुलिस ने 44 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दायर की।
उल्लेखनीय है कि 16 अप्रैल, 2022 को आरएसएस नेता श्रीनिवासन की मेलामुरी में उनकी दुकान पर छह सदस्यीय गिरोह द्वारा दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इन लोगों ने कथित तौर पर 15 अप्रैल को आरएसएस से जुड़े लोगों द्वारा एलापल्ली के पीएफआई के स्थानीय नेता ए सुबैर की हत्या का बदला लेने के लिए श्रीनिवासन की हत्या की थी। इससे पहले, पीएफआई/एसडीपीआई कार्यकर्ताओं ने 15 नवंबर, 2021 को थेनारी मंडलम इकाई के आरएसएस के 'बौद्धिक प्रमुख' संजीथ (27) की हत्या कर दी थी।