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तिरुवनंतपुरम, (आईएएनएस)| केरल के लोकायुक्त ने शुक्रवार को 2020 में कोविड अवधि के दौरान की गई खरीदारी में शिकायतों की प्रारंभिक जांच करने के बाद राज्य की तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा समेत 12 अन्य लोगों को उनके उत्तरों के साथ 8 दिसंबर को हाजिर होने के लिए नोटिस देने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता वीणा नायर और कुछ अन्य लोगों ने शिकायतें कीं, जिन्होंने आरोप लगाया कि कोविड काल के दौरान विशेष रूप से पीपीई किट, 1,500 रुपये प्रति यूनिट की कीमत पर खरीदे गए, जो बाजार में कीमत की तुलना में काफी अधिक था। दरअसल, सबसे पहले एक स्थानीय भाषा का टीवी चैनल ने पीपीई किट की खरीद में गड़बड़ी (भ्रष्टाचार) का मामला उठाया था।
जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा के पटल पर उठाया, तो राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी सरकार का बचाव किया और विपक्ष के आरोपों को एक राजनीतिक मुद्दा बनाने के अलावा कुछ नहीं के रूप में खारिज कर दिया। लेकिन मीडिया तब सूचना के अधिकार के जवाब के साथ सामने आया और यह पता चला कि उसे दिए गए जवाब मेल नहीं खाते, जिसके बाद शिकायतकर्ताओं ने लोकायुक्त से शिकायत की। जिसने प्रारंभिक जांच की और फिर नोटिस भेजने का फैसला किया।
संयोग से, कोविड के दौरान शैलजा ने राज्य में महामारी से निपटने के तरीके के लिए वाह वाही लूटी थी। लेकिन, जब विजयन दोबारा सत्ता में आए तो हर किसी को उम्मीद थी कि, शैलजा को फिर से कैबिनेट में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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