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तिरुवनंतपुरम, (आईएएनएस)। नए साल में नए सत्र के उद्घाटन के दिन केरल के राज्यपाल राज्य विधानसभा को संबोधन नहीं करेंगे क्योंकि राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को विधानसभा सत्र को इस साल से आगे बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला नियमों से हटकर लिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, पिनाराई विजयन सरकार द्वारा केरल के राज्यपाल को राज्य के 14 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से हटाने के लिए एक विधेयक पारित किए जाने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
नियमों के अनुसार, विधानसभा का एक सत्र समाप्त होने के बाद कैबिनेट ने राज्यपाल को सूचित किया कि सत्र को स्थागित कर दिया जाए, लेकिन बुधवार को राज्यपाल ने वर्तमान सत्र को जारी रखने का फैसला किया। इसलिए 7वां सत्र अब नए साल में जारी रहेगा और 2023-24 वित्तीय वर्ष के बजट की प्रस्तुति के साथ समाप्त होगा।
दिसंबर के पहले सप्ताह में शुरू हुआ वर्तमान सत्र केवल एक विधेयक को पारित करने के लिए बुलाया गया था, जोकि राज्यपाल को राज्य के 14 विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के पद से हटा देता है।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा इसी विषय पर एक अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने के बाद विजयन नाराज हो गए और खान पर दबाव बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया और विधेयक पारित किया गया।
इसी बीच में खान ने अपने आधिकारिक निवास पर बैठक के लिए विजयन और उनके कैबिनेट मंत्रियों को आमंत्रित किया, लेकिन विजयन बैठक में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया। राज्य के मुखिया और सरकार के मुखिया के बीच जो मतभेद पैदा हो गया था, वह कम होने के बजाय ज्यादा हो गया है।
--आईएएनएस
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