केरल

कुलाधिपति पद से हटाने का विधेयक मैंने नहीं पढ़ा- राज्यपाल

Teja
28 Dec 2022 3:29 PM GMT
कुलाधिपति पद से हटाने का विधेयक मैंने नहीं पढ़ा- राज्यपाल
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केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और राज्य सरकार के बीच तनातनी जारी है। राज्य सरकार ने उन्हें विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (chancellor) पद से हटाने का फैसला किया है। इसे लेकर राज्य विधानसभा में विधेयक पारित किया गया है। इस विधेयक को लेकर राज्यपाल खान ने कहा है कि उन्होंने यह अभी पढ़ा नहीं है। सरकार को विधेयक हमारे कानूनी सलाहकार को भेजने को कहा गया है।

हटाने के लिए भी राज्यपाल की मंजूरी जरूरी

केरल विधानसभा ने बीते दिनों पिनराई विजयन सरकार द्वारा लाया गया विधेयक पारित कर दिया है। इसमें राज्यपाल को चांसलर पद से हटाने का प्रावधान है। हालांकि, इसमें पेंच यह है कि यह राज्यपाल की मंजूरी के बाद ही कानूनी रूप लेगा। उनकी मंजूरी के बाद केरल के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद पर राज्यपाल की जगह नामचीन शिक्षाविदों की नियुक्ति की जा सकेगी।

यह विधेयक विपक्षी यूडीएफ के हंगामे के बीच पारित किया गया था। यूडीएफ ने यह कहते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था कि विधेयक के संबंध में उसके सुझावों की अनदेखी की गई है। वहीं, केरल विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमशीर ने एलान कर दिया कि विधेयक पारित हो गया है।

कांग्रेस ने चर्चा में दिए थे ये सुझाव

केरल विधानसभा में विधेयक पर घंटों हुई चर्चा के दौरान कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ ने कहा था कि वह कुलाधिपति पद से राज्यपाल को हटाए जाने के खिलाफ नहीं है, लेकिन इस पद के लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और केरल उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों में से चयन किया जाना चाहिए। विपक्ष ने यह भी कहा कि प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए अलग-अलग कुलाधिपतियों की जरूरत नहीं है और चयन समिति में मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता तथा केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को होना चाहिए।

विश्व विद्यालयों को मार्क्सवादी केंद्रों में बदलने का प्रयास

सरकार के रुख के मद्देनजर विपक्ष ने कहा कि वह सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर रहा है, क्योंकि उसे डर है कि राज्य सरकार अपने पसंदीदा लोगों को इस पद पर नियुक्त कर केरल में विश्वविद्यालयों को कम्युनिस्ट या मार्क्सवादी केंद्रों में बदलने का प्रयास कर रही है।

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