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बेंगलुरु (आईएएनएस)| सनसनीखेज लिंगायत मठ सेक्स स्कैंडल मामले में पीड़िताओं की मेडिकल जांच में दुष्कर्म का कोई संकेत नहीं मिला है। प्रभावशाली चित्रदुर्ग मुरुघा मठ के लिंगायत संत शिवमूर्ति मुरुगा शरणारू पर नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का आरोप लगाया गया है। वह फिलहाल जेल में हैं। मेडिकल जांच रिपोर्ट से मामले में नया मोड़ आने की संभावना है। सूत्रों ने कहा कि अदालत को सौंपी गई रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि संत के खिलाफ शिकायत करने वाली दो नाबालिग लड़कियों के साथ यौनाचार का कोई संकेत नहीं मिला है।
सूत्रों ने कहा कि चित्रदुर्ग जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने 27 अगस्त, 2022 को आरोपी संत के खिलाफ दर्ज पहले मामले में नाबालिग पीड़ितों का मेडिकल जांच की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नाबालिग लड़कियों के हाइमेन्स बरकरार हैं।
सूत्रों ने बताया कि नाबालिग लड़कियों में से एक ने शुरू में मेडिकल जांच कराने से इनकार कर दिया, मगर कहा कि उसका यौन शोषण किया गया था। बाद में जब जांच में कुछ और ही निकला तो लड़की ने कहा कि 'पेन्रिटेशन' नहीं हुआ था।
आरोपी संत पर यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम और अत्याचार अधिनियम (पोक्सो) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। 'हाई ड्रामा' के बीच उन्हें 1 सितंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अदालतों ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है और सरकार ने मठ के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया है।
एक अन्य घटनाक्रम में पुलिस ने मठ के पूर्व प्रशासक एस.के. बसवराजन, उनकी पत्नी सौभाग्य और अन्य पर आरोपी संत के खिलाफ साजिश रचने और कथित नाबालिग पीड़ितों को ट्यूशन देने का आरोप है।
--आईएएनएस
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