बेंगलुरु। आईटीबीपी के आवासीय एवं गैर आवासीय परिसर के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि भारत की विकास यात्रा में कानून-व्यवस्था का अच्छा होना अहम है और BPR&D के तत्वाधान में इसका रिसर्च बहुत अच्छे तरीके से हो ऐसे कुछ बदलाव हमने 3 साल में किए हैं जो अब अपने परिणाम भी देने लगे हैं:
अमित शाह ने कहा कि ITBP सबसे दुर्गम क्षेत्र में काम करने वाला हमारा सुरक्षा बल है। हम कल्पना ही नहीं कर सकते कि -42 डिग्री सेल्सियस तापमान में देश की सीमाओं की सुरक्षा करना कितना दृढ़ मनोबल होता है।
अमित शाह ने कहा कि जब हमारे ITBP जवान सीमा पर तैनात होते हैं तो किसी की भी हिम्मत नहीं है कि भारत की एक भी इंच का भी अतिक्रमण कर पाए। हमें भारत-चीन सीमा की चिंता नहीं होती है, जब पता चलता है कि ITBP के जवान सीमा की रक्षा कर रहे हैं।
वहीं, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को प्रेस वार्ता कर कहा कि मैं शहीद परिवार का हूं और मैं जानता हूं कि जब एक युवा अपनी जान देता है तो उसके परिवार पर क्या गुजरती है। लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में कोई ऐसा नहीं है जो यह समझता हो। हम नहीं चाहते कि हमारी सेना से कोई जवान शहीद हो। हम नहीं चाहते कि इस चीज़ को लापरवाही से लें और सेना राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल की जाए और उसका नुकसान हमारे जवानों, उनके परिवारों को हो।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हमारी सरकार ने चीन के मामले को पूरी तरह से अप्रभावी तरीके से संभाला है। कांग्रेस की विदेश नीति का लक्ष्य था कि चीन और पाकिस्तान को एक नहीं होने देना है जो हमने UPA-2 तक बखूबी किया। आज पाकिस्तान और चीन एक हो गए हैं। यह मामूली बात नहीं है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि इन्होंने पहला कदम डोकलाम और दूसरा कदम लद्दाख में लिया। मुझे लग रहा है कि यह तैयारी कर रहे हैं। अब सवाल 'अगर' का नहीं बल्कि 'कब' का है। सरकार को हमारी वायु, थल और नौसेना की बात सुननी होगी और सेना का राजनीतिक इस्तेमाल बंद करना होगा।
राहुल ने कहा कि चीन हमारा 2000 किमी क्षेत्र ले गया और PM जी कह रहे हैं कि कोई नहीं आया। अगर मैं आपके घर में घुस गया और आप कहें कि कोई नहीं घुसा तो इससे क्या संदेश जाएगा? सरकार इस पर भ्रमित हैं। जब हम सरकार पर बात करते हैं तो वह आर्मी के पीछे छिप जाते हैं। सरकार और आर्मी में फर्क है।