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नई दिल्ली। शाहदरा जिला पुलिस ने बेंगलुरू के एक शख्स को सस्ती पॉलिस्टर मशीन दिलाने का झांसा देकर 7 लाख रुपये लेकर फरार हुए गैंग का भांडा फोड़ दिया है।
आरोपी वशीर उर्फ राजा गाजियाबाद, नौशाद, गरिमा गार्डन निवासी शकील, करावल नगर के निवासी गजराज सिंह को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से 1 लाख 53 हजार रुपये लैपटॉप, एटीएम कार्ड, दो बाइक और फेक करंसी बरामद की हैं।
डीसीपी आर सत्यसुंदरम ने बताया कि 10 अक्टूबर को बेंगलुरू निवासी मोहम्मद मुजम्मिल की शिकायत पर मानसरोवर पार्क थाने में ठगी का मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने पुलिस को बताया कि जस्ट डायल पर पॉलिस्टर मशीन के लिए सर्च कर रहे थे। इसी दौरान एक अनजान शख्स का कॉल आया, जिसने 18 लाख की मशीन 12 लाख रुपये में देने का झांसा दिया। इसके बाद वे दिल्ली आए और 10 अक्टूबर दोपहर को आरोपियों ने शाहदरा स्थित विकास मॉल के पास बुलाया। चेकिंग के नाम पर सात लाख रुपये से भरा बैग लेकर बाइक से फरार हो गए।
इसके बाद स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर विकास कुमार की नेतृत्व में एसआई विनीत प्रताप, एएसआई प्रमोद, सुधीर और दीपक समेत 15 पुलिसकर्मियों की टीम बनाई गई। इसके बाद पुलिस टीम ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने पर एक बाइक की पहचान की गई। इसके जरिए गजराज सिंह को पकड़ा गया।
गजराज की निशानदेही पर बाकी आरोपियों को गिरफ्तार लिया गया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे काफी समय से इस तरह लोगों को चूना लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक पकड़े नहीं गए थे। पुलिस इस गैंग के बाकी आरोपी की तलाश में जुटी है, आरोपियों ने बताया कि सुमित उर्फ राजेश पटेल नाम का शख्स उनके लिए टारगेट तय करता था।
गैंग लीडर वशीर उर्फ राजा उर्फ वसीम सभी मेंबरों को उनकी भूमिका समझाता था। इनके टारगेट पर अधिकतर लोग रहते थे, जो कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते थे। ये लोगों को नकली करंसी नोट का झांसा देकर भी ठगते थे। अरोपियों ने खुलासा किया कि ये पीड़ित से असली नोट लेकर पांच गुना नकली नोट देने का वादा करते थे, लेकिन बदले में सिर्फ रद्दी की गड्डी थमा कर फरार हो जाते थे। पुलिस ने बताया कि वशीर और नौशाद पर पहले से एक-एक मामला दर्ज है।
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