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बेंगलुरु | कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बने अभी तीन महीने भी नहीं पूरे हुए हैं कि यहां पार्टी के अंदर से असंतोष की खबरें आने लगी हैं। विकास कार्यों को लेकर विधायकों के असंतोष के बाद उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने स्पष्ट कह दिया है कि इस साल विकास नहीं हो सकता। बता दें कि 11 विधायकों की तरफ से मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को एक पत्र लिखा गया था। इसमें मंत्रियों की कार्यशैली और विकास कार्यों को लेकर चिंता जताई गई थी। विधायकों का कहना था कि उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता से जो वादे किए हैं उनको लेकर सवाल किए जा रहे हैं लेकिन सरकार की तरफ से ग्रांट नहीं मिल पा रहा है।
उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा कि गुरुवार को विधायक दल की बैठक बुलाई गई है जिसमें विधायकों को समस्या के बारे में समझा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, इस साल हमें चुनाव से पहले दी गई पांच गारंटी वाली योजनाओं पर 40 हजार करोड़ रुपये खर्च करना है। इस साल और ज्यादा फंड नहीं दिया जा सकता। बता दें कि डीके शिवकुमार जल संसाधन और बेंगलुरु शहरी विकास मंत्री भी हैं।
उन्होंने कहा, यहां तक कि हम सिंचाई और लोक निर्माण के लिए भी फंड नहीं दे पा रहे हैं। लेकिन उम्मीदें बहुत हैं। हमने विधायकों से धैर्य रखने को कहा है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में उनको इस बारे में समझा दिया जाएगा। इसी महीने सिद्धारमैया ने 2023-24 के लिए बजट पेश किया था और पांच गारंटी स्कीमों गृह ज्योंति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्या, शक्ति और युवा निधि के लिए 35 हजार करोड़ का आवंटन किया गया। इस वजह से राज्य सरकार का राजकोषीय घाटा बढ़कर 12,522 करोड़ रुपये हो गया।
सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ने ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर आरोप लगाए और कहा कि पिछली सरकार ने दीवालिया जैसी स्थिति कर दी है। खजाना खाली कर दिया। लेकिन हमें अपने वादे पूरे करने हैं। पहले ही साल हमने अपने वादे का मान रखा है। इसलिए हर किसी को कुछ समय धैर्य रखना चाहिए।मंगलवार को डीके शिवकुमार ने विधायकों से कहा था कि फिलहाल ग्रांट मांगना बंद कर दें।
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