राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के प्रमुख प्रियंक कानूनगो ने मंगलवार को फिर आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 'जवाहर बाल मंच' की स्थापना करके और 'भारत जोड़ो यात्रा' में ''बच्चों का इस्तेमाल करके'' कानून का उल्लंघन किया है। इस बीच, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कानूनगो पर निशाना साधते हुए कहा कि एनसीपीसीआर प्रमुख अपने 'सुप्रीम बॉस' की तरह ही झूठे हैं।
किसी तरह से कानून का उल्लंघन नहीं हुआ- कांग्रेस
एनसीपीसीआर ने पिछले महीने निर्वाचन आयोग से कहा था कि कांग्रेस की 'भारत जोड़ो यात्रा' में ''बच्चों का कथित रूप से राजनीतिक साधन के रुप में दुरुपयोग करने'' के मामले में पार्टी और उसके नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायत दर्ज पर आवश्यक कार्रवाई एवं जांच की जाए। रमेश और पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के एक शिष्टमंडल ने सोमवार को निर्वाचन आयोग पहुंचकर उसके नोटिस का जवाब सौंपा था। पार्टी ने कहा था कि बाल आयोग की शिकायत बचकाना हरकत है क्योंकि इस यात्रा में बच्चों का इस्तेमाल नहीं किया गया और किसी तरह से कानून का उल्लंघन नहीं हुआ।
आयोग ने कांग्रेस को नोटिस जारी किया
कानूनगो ने मंगलवार को ट्वीट किया, ''कांग्रेस पार्टी द्वारा अपनी राजनीतिक गतिविधि 'भारत जोड़ो यात्रा' में अपने राजनीतिक विभाग जवाहर बाल मंच के माध्यम से बच्चों का इस्तेमाल किए जाने को लेकर एनसीपीसीआर ने निर्वाचन आयोग के समक्ष अधिकारिक आपत्ति दर्ज कराई है, जिस पर आयोग ने कांग्रेस को नोटिस जारी किया।'' उन्होंने कहा, "राजनीतिक दलों को मान्यता देने एवं नियंत्रित करने का काम निर्वाचन आयोग का है, इसलिए उसके समक्ष इस विषय को उठाया गया है।" कानूनगो ने कहा कि यह मामला मान्यता के लिए निर्वाचन आयोग को दिए गए संविधान की शर्तों को तोड़कर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए एक राजनीतिक विभाग खोलने से जुड़ा है और इसी लिए यह अत्यंत गम्भीर है।
कानूनगो अपने 'सुप्रीम बॉस' की तरह झूठे हैं- रमेश
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस ने राजनीतिक दल के रूप में मान्यता प्राप्त करने हेतु देश के क़ानून के अनुरूप स्वयं का जो संविधान निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत किया है, यह उसके अनुच्छेद पांच का उल्लंघन है। यह सीधे रूप में निर्वाचन आयोग की कार्रवाई की परिधि में आता है इसलिए निर्वाचन आयोग ने कार्रवाई की है।" रमेश ने कानूनगो पर निशाना साधते हुए कहा, "यह व्यक्ति जिस पद पर बैठे हैं, उसका अपमान कर रहे हैं। वह अपने 'सुप्रीम बॉस' की तरह झूठे हैं।" उन्होंने सोमवार को कहा था, "2007 में एनसीपीसीआर का गठन किया गया था। एनसीपीसीआर की अध्यक्षता पहली बार आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) का एक कार्यकर्ता कर रहा है।