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बेंगलुरू (आईएएनएस)| कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने गुरुवार को कहा कि लिंगायत नेता को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। सीएम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, बुधवार रात पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा के आवास पर समुदाय के नेताओं की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी। इस मुद्दे पर कांग्रेस के इन आरोपों की चर्चा हुई कि भाजपा लिंगायत नेतृत्व को दरकिनार कर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, जब से भाजपा के वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सावदी और जगदीश शेट्टार कांग्रेस में शामिल हुए हैं, तब से कांग्रेस ने भाजपा पर हमले तेज कर दिए हैं।
हालांकि, बैठक में लिंगायत नेताओं ने कहा कि अगर भाजपा लिंगायत समुदाय के किसी नेता को अपने मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में घोषित करती है, तो वह कांग्रेस के आरोपों का मुकाबला करेगी और एक संदेश देगी जो लिंगायत वोट बैंक को मजबूत करेगा।
मुख्यमंत्री बोम्मई का कहना है कि इस मांग को आलाकमान के संज्ञान में लाया जाएगा। सीएम ने कहा कि येदियुरप्पा के आवास पर हुई इस बैठक में लिंगायत समुदाय के नेताओं ने राजनीतिक परि²श्य पर चर्चा की। लिंगायत सीएम के लिए सुझाव आया। बैठक में केंद्रीय मंत्री और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के अलावा अन्य नेता भी मौजूद थे।
सीएम बोम्मई ने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी लिंगायत विरोधी है। 1967 से आज तक वे एक लिंगायत को मुख्यमंत्री नहीं बना सके। बीच में वीरेंद्र पाटिल को केवल नौ महीने के लिए सत्ता दी गई।
बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने दलितों, पिछड़ों और लिंगायतों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए आएंगे।
--आईएएनएस
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