झारखंड

विधानसभा समिति ने कही जांच की बात, प्रखंड मुख्यालय में बन रहे कर्मचारी भवन की गुणवत्ता पर सवाल

Gulabi Jagat
15 July 2022 6:29 AM GMT
विधानसभा समिति ने कही जांच की बात, प्रखंड मुख्यालय में बन रहे कर्मचारी भवन की गुणवत्ता पर सवाल
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विधानसभा समिति
गिरिडीहः जिला के पांच प्रखंड गावां, तिसरी, गांडेय, धनवार वो बिरनी में लगभग 4.50-4.50 करोड़ की लागत से कर्मचारी भवन का निर्माण (building built in block headquarters) हो रहा है. भवन का निर्माण कार्य जोरों से चल रहा है. इस बीच इन भवनों के निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल (poor quality of staff building) उठने लगा है. विभिन्न लोगों ने गुणवत्ता की शिकायत की है. कहा जा रहा है कि विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ठेकेदार ना सिर्फ निम्न स्तर का छड़ लगा रहे हैं बल्कि सीमेंट, गिट्टी की क्वालिटी भी सही नहीं है. अब इन शिकायतों के बाद जांच कमिटी का गठन किया गया है.
ऐसे हुआ खुलासाः पिछले दिनों गावां प्रखंड के बीस सूत्री अध्यक्ष अजय कुमार सिंह प्रखंड परिसर के अंदर बन रहे इस भवन का निरीक्षण करने पहुंचे थे. ग्रामीणों की शिकायत पर पहुंचे बीस सूत्री अध्यक्ष ने देखा कि जिन कंपनियों के छड़ को सरकार द्वारा अप्रूव किया गया है उन कंपनियों के छड़ के अलावा लोकल छड़ भी लगा दिया जा रहा है. यहां ईंट की क्वालिटी भी जब घटिया मिली तो उन्होंने इसकी शिकायत की. इसकी शिकायत जिला के आलाधिकारी तक भी की गई.
विधानसभा समिति ने गठित की कमिटीः इस बीच विधानसभा प्राक्कलन समिति भी गिरिडीह पहुंची. समिति सभापति निरल पूर्ति, धनबाद विधायक राज सिन्हा, खरसावां विधायक दशरथ गगराई ने जब कार्यों की समीक्षा की तो यहां विभिन्न इस भवन निर्माण में गड़बड़ी का मामला (irregularities in building construction) सामने आया. इन गड़बड़ियों को देखते हुए जिला के डीडीसी के नेतृत्व में समिति गठित किया गया. इस समिति को 15 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट देने को कहा. अब अधिकारी जांच की बात कह रहे हैं.
संवेदक कर्मियों ने कहा गलती से लगा था दूसरा छड़ः इधर गावां में काम कर रहे संवेदक के कर्मी से बात की गई तो उन्होंने घटिया सामग्री के इस्तेमाल की बात को खारिज कर दिया. हालांकि यह जरूर कहा कि सरकार द्वारा अप्रूव छड़ घटने पर ही लोकल छड़ लगाया जाता है. इनका कहना था कि कार्य की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा.
संवेदक के साथ अभियंता पर भी हो कार्रवाईः इधर ग्रामीणों का कहना है कि घटिया निर्माण के पीछे सिर्फ संवेदक हो दोषी नहीं है बल्कि विभाग के अभियंता भी दोषी हैं. जब घटिया सामान लगाया जा रहा था तब अभियंता क्या कर रहे थे. इस मामले में अभियंताओं पर भी कार्रवाई होनी चाहिए.
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