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झारखंड के छ: शहरों में नगर वन बनाए जाएंगे। झारखंड के धनबाद, रांची, बोकारो, हजारीबाग, जमशेदपुर और गिरिडीह को योजना के लिए चुना गया है। क्योंकि यहां लगातार वृक्षों की संख्या घट रही है। इस योजना से शहरी में हरित स्थान बनाए जाएंगे और प्रदूषण कम करके शहरों के पर्यावरण में सुधार किया जाएगा।
केंद्र सरकार की नगर वन योजना के तहत झारखंड के छ: शहरों में वन क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। योजना में देशभर के सबसे प्रदूषित शहरों को शामिल किया गया है। जिसमें झारखंड के धनबाद, रांची, बोकारो, हजारीबाग, जमशेदपुर और गिरिडीह शामिल हैं। 9 जुलाई से शुरू होने वाली इस योजना के तहत झारखंड सहित देश के 75 अन्य शहरों में भी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा।
शहर होंगे प्रदूषण मुक्त
कैंपा (कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) झारखंड के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना की शुरुआत औपचारिक वृक्षारोपण के साथ की जाएगी। भारतीय स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में पहले दिन प्रत्येक नगर वन में कुल 75 पौधे लगाए जाएंगे। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2015 में नगर वन उद्यान योजना में कुछ संशोधन कर इस योजना के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे। कुमार ने कहा कि हम शहरी वनों में राज्य के स्वदेशी पौधों के संरक्षण पर विशेष ध्यान देंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य शहरी में हरित स्थान बनाना और प्रदूषण कम करके शहरों के पर्यावरण में सुधार करना है। जिसमें स्वच्छ हवा, शोर में कमी, वाटर हार्वेस्टिंग और गर्मी जगहों के प्रभाव को कम करना शामिल है। इससे पौधों और जैव विविधता के बारे में जागरूकता पैदा करने और पर्यावरण प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।
झारखंड में लगातार घट रही वृक्षों की संख्या
यह योजना झारखंड जैसे राज्य के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां वृक्षों की संख्या लगातार घट रही है। भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) के आंकड़ों के अनुसार राज्य में पिछले एक दशक में वृक्षों के आवरण (ट्री कवर) में 47 वर्ग किमी की गिरावट आई है। ट्री कवर में छोटे पेड़ और वन क्षेत्र के बाहर के अलग-अलग पेड़ भी शामिल होते हैं, जो कि एक हेक्टेयर से भी कम है। ये पेड़ आम तौर पर शहरी क्षेत्रों, गांव के जंगलों, घरों, सड़क के किनारे, नहर, रेलवे लाइन और बिखरे हुए पेड़ों के रूप में पाए जाते हैं। एफएसआई की रिपोर्ट 2021 में झारखंड का ट्री कवर 2,867 वर्ग किमी, यानि कुल भौगोलिक क्षेत्र का 3.6% दर्ज किया गया था। जबकि 2011 में यह 2,914 वर्ग किमी था। हालांकि, राज्य का वन क्षेत्र 2021 में बढ़ कर 23,721 वर्ग किमी हो गया है, जो कि 2011 में 22,977 वर्ग किमी था।
यहां बनेगा नगर वन
झारखंड में रांची के बाराम क्षेत्र में 30 हेक्टेयर भूमि, बोकारो के कांद्रा क्षेत्र में 22.93 हेक्टेयर भूमि, धनबाद के दामोदरपुर क्षेत्र में 9.59 हेक्टेयर, हजारीबाग के जगदीशपुर क्षेत्र में 50 हेक्टेयर, जमशेदपुर के बालीगुमा क्षेत्र में 15 हेक्टेयर और गिरिडीह के कल्याणडीह क्षेत्र में 11.17 हेक्टेयर क्षेत्र में नगर वन बनाया जाएगा। ये शहर झारखंड के सबसे प्रदूषित शहरी इलाकों में शामिल हैं, जिसमें धनबाद सूची में सबसे ऊपर है। 2019 में केंद्र के नेशनल क्लियर एयर प्रोग्राम के तहत धनबाद को 102 नॉन एटेनमेंट सिटी में से चुना था।
देश में बनेंगे 400 नगर वन और 200 नगर वाटिका
संजीव कुमार ने कहा कि शहरी वनों के विकास के लिए केंद्र 4 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। कुमार ने कहा कि हमने बेंच, शौचालय, बिजली, पेयजल, चेक डैम और सड़क निर्माण सहित विभिन्न सुविधाओं के विकास के लिए विभिन्न निजी क्षेत्रों और कॉरपोरेट्स के साथ गठजोड़ करने का फैसला किया है। देश में 400 नगर वन और 200 नगर वाटिका विकसित करने का लक्ष्य है।
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