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दुधमुही बच्ची को मां ने झाड़ी में फेंका
बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का एक तरफ सरकार की कोशिशें हो रही हैं। वहीं दूसरी तरफ धनबाद जिले के लोयाबाद थाना क्षेत्र के एकड़ा में रविवार को एक मां ने अपनी बेटी को अभिशाप मानकर झाड़ियों में फेंक दिया। इस बच्ची को अपनों ने ठुकरा दिया, लेकिन गैरों ने प्यार लुटाया। बच्ची को गोद लेने के लिए होड़ मच गई। दरअसल रविवार को एकड़ा में झाड़ियों के पास एक नवजात के रोने की आवाज सुनकर आसपास के लोग जुट गए।
झाड़ियों से जब नवजात को बाहर निकाला गया तो लोगों को समझते देर नहीं लगी की उसे लड़की होने की सजा मिली है। ग्रामीणों में से एक युवक ने बच्ची को गोद में उठा लिया और उसे करकेंद स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया। बच्ची स्वस्थ बताई जा रही है। उसका वजन दो किलो है। स्वास्थ्य केंद्र में ही नर्स ने अपनी गोद में लेकर उसे दूध भी पिलाया। बच्ची की खबर सुनकर गोद लेने वाले कई दावेदार अस्पताल के बाहर जमा हो गए।
सूचना पाकर लोयाबाद पुलिस मौके पर पहुंची और बच्ची के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल ली। घटना की जानकारी मिलने के बाद सीडब्लूसी के अध्यक्ष उत्तम मुखर्जी ने संज्ञान लेते हुए लोयाबाद थाना प्रभारी से बच्ची को सौंपने के लिए संपर्क किया। थाना प्रभारी विकास यादव ने बताया कि बच्ची को सीडब्ल्यूसी में प्रस्तुत किया गया। बाद में उसे चाइल्ड लाइन को सौंप दिया गया। यहां बच्ची की देखरेख होगी और वहीं से गोद लेने की प्रक्रिया भी होगी।
क्या है गोद लेने की प्रक्रिया
गोद लेने की सारी प्रक्रिया अब विभाग की ओर से ऑनलाइन कर दिया गया है। इच्छुक व्यक्ति को इसके लिए कारा की वेबसाइट www.cara.nic.in पर जाकर एक रजिस्ट्रेशन कराना होगा। यहीं पर इन्हें बच्चों की पूरी जानकारी भी मिल जाएगी। भावी अभिभावक को दो-तीन बच्चों का विकल्प दिया जाता है। जिस बच्चे के साथ वह ज्यादा सहज महसूस करते हैं, वही बच्चा उन्हें दिया जाता है। किस बच्चे को गोद लिया जाएगा, यह भी कारा ही तय करती है।
Rani Sahu
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