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बेरमो में नाबालिग के साथ यौन शोषण
Bermo: बोकारो के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो राजीव रंजन की अदालत ने नाबालिग दलित छात्रा के साथ यौन शोषण करने वाले सरफराज उर्फ राजा को 25 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा 20 हजार रुपए जुर्माना की राशि भी न्यायालय में जमा करने का निर्देश दिया है. राशि नहीं देने पर 6 माह की अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई है.
क्या था मामला
गोमिया थाना क्षेत्र के साड़म नावाबांध निवासी दो बच्चे के पिता सरफराज उर्फ राजा ने 15 वर्षीय दलित छात्रा के स्वजातीय होने की बात कहकर उसके साथ प्रेम का नाटक किया. बाद में शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया. आठवीं कक्षा की छात्रा जब गर्भवती हो गई तो वह राजा को शादी करने के लिए दवाब देने लगी. पहले तो राजा ने बहाना बनाकर उसे टालने की कोशिश की, लेकिन छात्रा जिद पर अड़ गई और उसे अपने साथ घर ले जाने को कहने लगी. तब राजा ने शादी से इंकार कर दिया और वह अपना मोबाइल नंबर बंद कर दिया. अंत में पीड़िता ने अपने परिजनों को सारी जानकारी दी. पीड़िता के पिता ने 1 जून 2020 को गोमिया थाना में सारी घटना की जानकारी देते हुए मामला दर्ज कराया. पुलिस त्वरित कार्रवाई करते हुए राजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. 2019 में सरस्वती पूजा के दिन राजा ने उस पीड़िता से मुलाकात की और उसे प्रेम जाल में फ़ंसाया और यौन शोषण किया.
कुछ दिन बाद यौन शोषण की पीड़ित नाबालिग छात्रा ने एक बच्चे को दिया जन्म दिया. यह डिलीवरी उच्च न्यायालय के आदेशानुसार डालसा के देखरेख में हुई. जन्मे बच्चे को बाल कल्याण समिति बोकारो को सुपुर्द कर दिया गया. इसी मामले की सुनवाई गुरुवार को अपर जिला सत्र न्यायाधीश तृतीय के अदालत में हुई, जिसमें सरफराज उर्फ राजा को 25 वर्ष का सश्रम करवाया की सजा सुनाई गई. विशेष लोक अभियोजक राजीव रंजन सिंह ने बताया कि मामले को लेकर न्यायालय के समझ गवाह और साक्ष्यों को रखा गया. जिसके बाद न्यायालय ने फैसला सुनाया.
Rani Sahu
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