गुमलाः शहर से लगभग 3 किलोमीटर दूर सिसई रोड स्थित करमडीपा के समीप रियाडा कंपनी के नाम पर अधिग्रहित लगभग 18 एकड़ जमीन का सीमांकन करने के लिए बुधवार को कुछ लोग कंपनी के कर्मी के नाम से पहुंचे थे. जिसकी भनक ग्रामीणों को लगी. ग्रामीण एकत्रित होकर मौके पर पहुंचे और विरोध जताते हुए उन्हें खदेड़ भगाया.
ग्रामीणों का कहना है कि वह जमीन हमारी है. उसके स्वामित्व और लगान की रसीद अभी भी खुद से कटा रहे हैं. जिस पर भू-माफियाओं की नजर पड़ी हुई है और कब्जा करने के उद्देश्य से वो पहुंचे थे. ग्रामीणों ने बताया कि यह भूमि लगभग 18 एकड़ की है. जिसपर लघु उद्योग स्थापित करने के लिए 1972 में रियाडा कंपनी को देने की बात की गई थी. तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र भी इसे लेकर गुमला आए थे. जमीन के बदले मुआवजा और नौकरी देने की बात कही गई थी. लेकिन हासिल कुछ भी नहीं हुआ. अब भू-माफिया इस पर कब्जा करना चाहते हैं.
सूचना मिलने पर एसडीओ रवि आनंद, एसडीपीओ मनीष चंद, सीओ के के मुंडू, थाना प्रभारी मनोज कुमार मौके पर पहुंचे. जिसके बाद ग्रामीणों को समझा-बुझा कर तत्काल मामला को शांत कराया गया और अतिक्रमण मुक्त कराते हुए पूर्व में की गई घेराबंदी को जेसीबी से तोड़वाया. इस मामले पर सामूहिक रूप से जिला प्रशासन द्वारा कहा गया कि रियाडा कंपनी के कर्मी जमीन का सीमांकन कराने के लिए पहुंचे थे. जिस पर ग्रामीणों द्वारा अपना स्वामित्व बताते हुए जमीन की लगान देने की बात का दावा किया गया है. हालांकि यह जमीन रियाडा के नाम पर अधिग्रहित है और कुछ लोगों को मुआवजा भी मिलने की बात सामने आई है. जिस पर जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.