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रेड क्रॉस सोसायटी रांची (Ranchi Red Cross Society) पिछले चार महीने से लगभग बिना कार्यकारिणी के सिर्फ नाम का चल रहा है
रांची: रेड क्रॉस सोसायटी रांची (Ranchi Red Cross Society) पिछले चार महीने से लगभग बिना कार्यकारिणी के सिर्फ नाम का चल रहा है. कार्यकारिणी के अभाव में रांची रेड क्रॉस में पहले चलने वाला ओपीडी बंद हो गया है. इसके अलावा रेड क्रॉस की ओर से किए जाने वाले कई समाज सेवा के कार्य भी बंद हो गए हैं. अब एक बार फिर रेड क्रॉस सोसायटी के कार्यकारी सदस्यों का चुनाव कराने की मांग की जा रही है.
क्यों बिना कार्यकारिणी के है रेड क्रॉस: दरअसल, 2019 में रेड क्रॉस सोसायटी के 10 कार्यकारी सदस्यों का चुनाव हुआ था और फिर उसमें से चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, ट्रेजरार बने थे. कार्यकारिणी में गड़बड़ी की वजह से कुछ सदस्यों ने 2021 में ही कार्यकारिणी सदस्य से इस्तीफा दे दिया था. वहीं मार्च 2022 में रांची रेड क्रॉस सोसायटी के मानद प्रेसिडेंट राज्य के गवर्नर ने अनियमितता को लेकर FIR करने के आदेश के साथ पूरी कमेटी भंग कर दी. बाद में राज्यपाल ने डीसी को रेड क्रॉस की अनियमितता की दोबारा जांच करने के आदेश दिए. जिसकी जांच अभी भी जारी है तो रेड क्रॉस के सभी एक्सक्यूटिव मेंबर के पद खाली हैं, ऐसे में यहां न कोई चेयरमैन है और न ही ट्रेजरार या वाईस चेयरमैन. एक सचिव है जो किसी तरह रेड क्रॉस को चला रहे हैं लेकिन, वह भी कहते हैं कि कार्यकारिणी के अभाव में वह कुछ नया नहीं कर पा रहे हैं.
रेडक्रॉस रांची का ओपीडी और दिव्यांग कैंप बंद: कार्यकारिणी के अभाव में रांची रेड क्रॉस में पहले चलने वाला ओपीडी बंद हो गया है. इन ओपीडी में मरीज रियायती फीस पर इलाज कराते थे और उन्हें बड़ी राहत मिलती थी. इसी तरह दिव्यांगों के लिए लगने वाला कैंप, जयपुरी कृत्रिम पैर लगाने का काम भी बंद हो गया है. वहीं ब्लड बैंक भी मुश्किल से चल रहा है. महीने में एक-दो बार ही ब्लड डोनेशन कैंप ही लग पा रहा है.
होने लगी है आर्थिक परेशानी: रांची रेड क्रॉस के सचिव अमित शर्मा कहते हैं कि अगर कमेटी बनीं रहती तो कई बेहतर काम करने और कोई भी नया फैसला लेने में हम सफल हो पातें. लेकिन सदस्यों के आभाव में कोई भी काम करने में दिक्कत होती है. सचिव अमित शर्मा बताते हैं कि अभी ब्लड बैंक में आने वाले लोगों से स्क्रीनिंग के 12 सौ रुपये लिए जाते हैं, उससे जो आय होती है उससे किसी तरह यहां के स्टाफ को सैलरी मिल पाती है लेकिन, ब्लड बैंक के लिए अन्य केमिकल खरीदने में अब दिक्कत होने लगी है.
एग्जीक्यूटिव सदस्यों के चुनाव की मांग: रेड क्रॉस सोसाइटी के साल 2019 में हुए एग्जीक्यूटिव सदस्य के चुनाव में सर्वाधिक मतों से जीतने वाले डॉ प्रभात कहते हैं कि उन्होंने कुछ वजहों से एक साल पहले ही कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया था लेकिन, उन्हें आज रेड क्रॉस को देख कर दुख होता है. वह कहते हैं कि जल्द एग्जीक्यूटिव सदस्यों का चुनाव करा कर नई कार्यकारिणी का गठन करने की जरूरत है ताकि रेड क्रॉस समाज सेवा के काम को सुचारू रूप से कर सके.
सोर्स- Newswing
Rani Sahu
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