झारखंड
जैविक सामग्री से निर्मित राखी बनी आकर्षण का केंद्र, पलाश ब्रांड के तहत की जा रही ब्रांडिंग और मार्केटिंग
Shantanu Roy
9 Aug 2022 11:28 AM GMT
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बड़ी खबर
रांची। रक्षाबंधन के त्योहार पर झारखंड के सखी मंडल की महिलाएं राखी निर्माण कर रही हैं। रेशम के धागे से बनी राखी इस बार आकर्षण का केंद्र है। झारखण्ड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाईटी (जेएसएलपीएस), ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा इन ग्रामीण महिलाओं को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही इनके द्वारा निर्मित राखी की ब्रांडिंग और मार्केटिंग पलाश ब्रांड के तहत की जी रही है। राज्य के 8 जिलों में रांची, हजारीबाग, दुमका, गिरिडीह, रामगढ, बोकारो, धनबाद और लोहरदगा के लगभग 75 स्वयं सहायता समूहों की 550 से अधिक माहिलाएं राखी निर्माण व बिक्री कार्य से सीधे तौर पर जुड़कर अपनी उद्यमिता के अवसरों को बढ़ा रही हैं। अब तक सखी मंडल की प्रशिक्षित दीदियों द्वारा 25,000 से अधिक आकर्षक राखियों का निर्माण किया जा चुका है।
सम्बंधित जिलों के पलाश मार्ट एवं पलाश प्रदर्शनी सह बिक्री काउंटर के माध्यम से जिला व प्रखण्ड स्तर पर बिक्री भी की जा रही है। राखी निर्माण की इस पहल से दीदियों की अतिरिक्त आमदनी भी हो रही है। सखी मंडल की महिलाओं द्वारा राखी बनाने में जैविक सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। राज्य की सखी मंडल के उत्पादों को पलाश के जरिए एक नई पहचान मिली है और आमदनी में भी बढ़ोतरी हुई है। हाथ से बनी राखियां लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। इन महिलाओं को विशेष प्रशिक्षण के तहत जैविक सामग्री का उपयोग करते हुए 20-25 प्रकार की राखी बनाने की कला सिखाई गई है। अब अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए माहिलाएं जैविक सामग्री जैसे-धान, चावल, मौली धागा, सूती धागा, रेशम धागा, मोती, बुरादा, हल्दी, आलता आदि का उपयोग कर विभिन्न डिजाइन की राखियाँ तैयार कर रही हैं।
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