रांची: कांग्रेस पार्टी झारखंड में अपने जनाधार को मजबूत करने में लगातार काम कर रही है. इसी को लेकर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव सुष्मिता बेहरा रांची पहुंचे, जहां उन्होंने राजधानी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया. कार्यक्रम में पहुंची प्रदेश कांग्रेस की महिला कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और उन्होंने अपने नेता के साथ मिलकर कदम से कदम मिलाकर काम करने की बात कही.
ग्रामीण महिलाओं से बात करेंगी सुष्मिता बेहरा: बैठक को लेकर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव सुष्मिता बेहरा ने बताया कि आलाकमान से जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बार वह झारखंड पहुंची हैं. जहां पर वह झारखंड की ग्रामीण महिलाओं के साथ बैठकर बात करेंगी और उनकी समस्याओं को पार्टी के साथ मिलकर सरकार के समक्ष रखेंगी और महिलाओं को आ रही समस्याओं हल करने के लिए सरकार से बात करेंगी.
6 जिलों की महिलाओं के साथ कार्यक्रम: प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष गुंजन ने बताया कि झारखंड कांग्रेस महिलाओं का सम्मान करती है इसलिए हमारी पार्टी से पांच विधायक और एक सांसद जनप्रतिनिधि के रूप में काम कर रही हैं, जिसके लिए हम सदा पार्टी के आभारी हैं. उन्होंने बताया कि सुष्मिता बेहरा के नेतृत्व में संगठन को कैसे धारदार बनाया जाए और कैसे इसकी जनाधार को बढ़ाया जाए. इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाए इस पर भी चर्चा की गई है. उन्होंने बताया कि सुष्मिता बेहरा अगले 5 दिनों तक झारखंड दौरे पर रहेंगी. उन्होंने कहा कि इन 5 दिनों तक राज्य के 6 जिलों की महिलाओं के साथ हमारा कार्यक्रम है और इस कार्यक्रम के पूरा होने के साथ हम यह पूरे जोश से कह सकते हैं कि आने वाले 2024 के चुनाव में झारखंड की महिला कांग्रेस के साथ रहेगी और कांग्रेस को नंबर वन बनाने का काम करेगी. उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए जो भी योजना सरकार की तरफ से दी जा रही है, उसको हर बूथ स्तर और जन-जन तक तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है ताकि ग्रामीण एवं सुदूर क्षेत्रों में रह रही प्रत्येक महिला मजबूत हो सके.
महिलाओं को सशक्त बनाने की पहल: वहीं ग्रामीण स्तरों पर महिलाओं के लिए काम कर रही मेरी तिर्की बताती हैं कि आज भी झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं शोषित और अशिक्षित हैं. जिस वजह से उन्हें कई तरह की यातनाएं सहनी पड़ रही है. जरूरत है कि घर-घर तक पहुंच कर ग्रामीण महिलाओं को सशक्त और मजबूत बनाया जाए ताकि हमारे राज्य की महिलाएं पुरुष के साथ ही नहीं बल्कि उनसे आगे बढ़कर समाज को बेहतर बना सकें.