झारखंड मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को पुरानी पेंशन योजना को कुछ शर्तों के साथ लागू करने और गरीबों को हर महीने 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। एक अधिकारी ने बताया कि पुरानी पेंशन योजना के क्रियान्वयन के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया जाएगा।
कैबिनेट सचिव वंदना डडेल ने संवाददाताओं से कहा कि कमेटी योजना के कार्यान्वयन के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा तैयार करेगी। इसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा। पुरानी पेंशन योजना को 1 अप्रैल 2004 को बंद कर दिया गया था और इसे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) से बदल दिया गया था।
कैबिनेट ने गरीबों के लिए 100 यूनिट मुफ्त बिजली के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। सरकार ने 2022-23 के बजट में इसकी घोषणा की थी। डडेल ने कहा कि यह लाभ 100 यूनिट तक बिजली का उपयोग करने पर लागू होगा। इसके ऊपर अलग-अलग स्लैब लागू होंगे।
राज्य कैबिनेट ने कुल 55 प्रस्तावों को मंजूरी दी। इनमें खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को एक रुपये प्रति माह की दर से एक किलो चना दाल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी शामिल था।
साथ ही मनरेगा मजदूरी के रूप में 27 रुपये अतिरिक्त देने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान की। इससे झारखंड में एक मनरेगा मजदूर को न्यूनतम मजदूरी के रूप में 237 रुपये मिलेंगे।
कैबिनेट ने झारखंड राज्य में स्थानीय उम्मीदवारों के रोजगार निजी क्षेत्र अधिनियम के नियमों को भी मंजूरी दी। कानून के मुताबिक, निजी कंपनियों को स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसदी आरक्षण देना होता है।