झारखंड

2.50 करोड़ का पुलिस सेंट्रल हॉस्पिटल 9 साल बाद भी बेकार, अब OUT SOURCE की तैयारी

Rani Sahu
28 July 2022 7:31 AM GMT
2.50 करोड़ का पुलिस सेंट्रल हॉस्पिटल 9 साल बाद भी बेकार, अब OUT SOURCE की तैयारी
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न्यूज़ क्रेडिट: newswing

2.50 करोड़ का पुलिस सेंट्रल हॉस्पिटल 9 साल बाद भी बेकार

Chandi Dutta Jha

Ranchi: झारखंड पुलिस के जवानों के इलाज के लिए 2.50 करोड़ की लागत से होटवार स्थित जैप-10 कैंपस में 50 बेड का सेंट्रल पुलिस हॉस्पिटल तो बनवा दिया, लेकिन यह आज तक शुरू नहीं हो सका है. अब इस हॉस्पिटल को आउटसोर्स के माध्यम से चलाये जाने की तैयारी है. हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में यह बात सामने आया है. हालांकि समीक्षा के दौरान एडीजी प्रशिक्षण द्वारा हॉस्पिटल में डॉक्टर एवं नर्सिग स्टाफ की नियुक्ति के प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया. साथ यह भी कहा गया कि स्वास्थ्य परिवार कल्याण चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग यदि इस अस्पताल को चलाना चाहे तो इस पर भी विचार किया जा सकता है अथवा हॉस्पिटल को आउटसोर्स करने पर विचार किया जा सकता है. जी प्लस वन का अस्पताल भवन नौ साल बाद भी सुचारु रूप से चालू नहीं किया जा सका. हॉस्पिटल में कोई चिकित्सक और नर्सिग कर्मी पदस्थापित नहीं है.

दूसरी जगह इलाज कराने के मजबूर है जवान
पुलिस सेंट्रल हॉस्पिटल भवन की दीवारें अब दरकने लगी है. कई जगह खिड़कियों में लगे शीशे टूटने लगे हैं. ऑपरेशन थियेटर का इस्तेमाल स्टोर रूम के रूप में किया जा रहा है. हॉस्पिटल में पुलिस के जवानों के लिए अस्थाई रूप से रहने की व्यवस्था की गई है. हॉस्पिटल में फोल्डिंग बेड लगे हैं. जहां-तहां कपड़े टंगे हुए हैं. हॉस्पिटल में जैप, सैप, जगुआर, जिला पुलिस, आईआरबी, अग्निशमन समेत अन्य जवानों और उनके परिजनों का इलाज होना था. लेकिन हॉस्पिटल शुरू ही नहीं हो सका. यहां एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड जैसी कई तरह के जांच की सुविधा है. बाबजूद जवानों और उनके परिजनों को इलाज के लिए या तो रिम्स जाना पड़ता है या निजी अस्पताल या नर्सिंग होम, वह भी निजी खर्चे पर. भवन बन कर तैयार होने के बाद भी जवानों को इसका लाभ नहीं मिल सका.
तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा ने कराया था निर्माण
वर्ष 2013 में तत्कालीन सीएम अर्जुन मुंडा ने इस हॉस्पिटल का निर्माण कराया था. होटवार स्थित जैप-10 परिसर मं 50 बेड का सेंट्रल पुलिस हॉस्पिटल संचालन की जिम्मेदारी गृह विभाग के अधीन है. शुरुआत में कुछ मेडिकल उपकरण भी हॉस्पिटल में उपयोग के लिए खरीदे गए. लेकिन इस्तेमाल नहीं होने से यह कबाड़ हो गया. हॉस्पिटल में 12 डॉक्टर के साथ 41 स्वास्थ्य कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी थी. गृह विभाग ने पद सृजन का प्रस्ताव 2013 में वित्त विभाग में भेज दिया गया था. फिलहाल यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में पड़ा है. जैप-10 की ओर से पुलिस मुख्यालय को लगातार अस्पताल शुरू करने की दिशा में पत्रचार किया गया, मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. कोरोना काल में हॉस्पिटल का इस्तेमाल के लिये स्वस्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव निरीक्षण किया था.

सोर्स- News Wing

Rani Sahu

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