झारखंड

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग की ओटी 13 दिनों के लिए बंद, जानें प्रबंधन ने क्या कहा?

Gulabi Jagat
19 July 2022 2:15 PM GMT
राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कार्डियक सर्जरी विभाग की ओटी 13 दिनों के लिए बंद, जानें प्रबंधन ने क्या कहा?
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राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की ओटी फिलहाल बंद है
रांचीः राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग की ओटी फिलहाल बंद है. इस मामले में कार्डियोथोरेसिक वैस्कुलर सर्जरी विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि मरीजों के हित में ओटी को बंद रखा गया है. किसी प्रकार का इंफेक्शन नहीं फैले इसलिए यह फैसला लिया गया.
सीटीवीएस के एचओडी डॉ. विनीत महाजन ने बातचीत के दौरान कहा कि जब से उन्होंने रिम्स में योगदान दिया है, तब से एक बार भी ओटी की सफाई नहीं हुई थी. इस वजह से कई तरह के इंफेक्शन होने की संभावना बढ़ गई थी. इसी को देखते हुए उन्होंने ओटी बंद करने का निर्णय लिया. ओटी बंद करने की जानकारी रिम्स के निदेशक, अपर निदेशक और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई थी.
उन्होंने बताया कि जो भी बातें मीडिया में सामने आ रही हैं वह गलत हैं. उन्होंने अपने सहकर्मी और साथ काम कर रहे हैं कर्मचारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा इस तरह की बातों को मीडिया के सामने लाया गया है. बातों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है. ओटी बंद होने से किसी भी मरीज को परेशानी नहीं हो रही है. जिन मरीज को ऑपरेशन के डेट दिए गए थे, उनके ऑपरेशन की डेट आगे बढ़ा दी गई है और जिनका भी डेट बढ़ाया गया है उनमें से कोई भी मरीज गंभीर नहीं था.वहीं सुनीता देवी की मौत पर उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि महिला की मौत का कारण ऑपरेशन नहीं होना नहीं था, बल्कि उसकी स्थिति इतनी गंभीर थी कि उसे पहले ही ऑपरेशन करने से मना कर दिया गया था. जब रिम्स के अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरुवा से बात की तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि मरीज के हित में ऑपरेशन थिएटर बंद किए जा सकते हैं क्योंकि सर्जरी करने में इंफेक्शन होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है. उन्होंने बताया कि सीटीवीएस के एचओडी की शिकायत पर 8 जुलाई को रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में इंफेक्शन के सैंपल भेजे गए. ऐसी परिस्थिति में जब तक रिपोर्ट क्लियर नहीं हो जाती है तब तक ओटी बंद करना अस्पताल प्रबंधन की मजबूरी होती है.पूरे मामले में मृतक सुनीता देवी के परिजन से बात की तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर विनीत महाजन के द्वारा 10 दिन पहले यह आश्वस्त किया गया था कि ऑपरेशन होने के बाद मरीज ठीक हो जाएंगे लेकिन उस वक्त सीटीवीएस डिपार्टमेंट में बेड की कमी थी जिस वजह से उन्हें वापस भेज दिया गया. 10 दिन बाद जब वह फिर रिम्स पहुंचे तो सीटीवीएस के हेड डॉ. विनीत महाजन ने यह कहकर ऑपरेशन करने से मना कर दिया कि मरीज के हृदय में लगे वाल्व पूरी तरह से खराब हो गए हैं. ऐसी स्थिति में इनका ऑपरेशन करना मुश्किल है.
वहीं मृतक के परिजनों ने कहा कि पहले ऑपरेशन की तारीख दी गई, उसके बाद यह कहकर ऑपरेशन करने से मना कर दिया गया कि मरीज की स्थिति ऑपरेशन करने लायक नहीं है. इसके अलावा परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि सिर्फ वाल्व खराब कह कर ही नहीं, बल्कि ओटी में कई तरह के बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन होने की संभावना बताई गई. मरीज के परिजन ने सीटीवीएस डिपार्टमेंट के डॉक्टरों और कर्मचारियों पर गलत तरीके से बात करने का भी आरोप लगाया है.
पूरे मामले पर रिम्स के अधीक्षक ने बताया कि मीडिया रिपोर्ट्स में जो भी बातें सामने आई हैं, उसकी जांच की जा रही है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया मरीज के हित में काम करने के लिए अस्पताल के चिकित्सक और प्रबंधन के लोग इस तरह के निर्णय ले सकते हैं. पूरे मामले में रिम्स प्रबंधन ने यह जवाब दिया है कि सीटीवीएस का ओटी बंद करना जरूरी था, इसीलिए ओटी बंद की गई थी. जिस उद्देश्य से ओटी को बंद किया गया था वह उद्देश्य पूरा हो गया है. उम्मीद है कि बुधवार से सीटीवीएस का ओटी फिर से शुरू हो जाएगा.



Source: etvbharat.com

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