रांची: झारखंड में विधायक निधि को 4 करोड़ रुपये से बढ़कर 5 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। इस फैसले से झारखंड के विधायक, सांसदों के बराबर अपने क्षेत्र में विकास कार्य करा सकेंगे। बता दें, सांसद निधि में हर वर्ष पांच करोड़ मिलते हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को रांची स्थित झारखंड मंत्रालय में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। बैठक समाप्त होने के बाद कैबिनट सचिव वंदना दादेल ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि आज कुल 29 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। इसके तहत वर्ष 2018 में खोले गये आठ पॉलिटेक्निक कॉलेजों के संचालन की जिम्मेदारी प्रेझा फाउंडेशन को दी गयी। इनमें खूंटी, लोहरदगा, पलामू, चतरा, जामताड़ा, गोड्डा, बगोदर और हजारीबाग के पॉलिटेक्निक कॉलेजों का संचालन प्रेझा फाउंडेशन करेगा। झारखंड राज्य पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गयी।
एक अन्य महत्वपूर्ण प्रस्ताव में मनरेगा में संविदा पर प्रतिनियुक्त क्षेत्रीय पदाधिकारियों और कर्मचारियों का मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है। इसके तहत ब्लॉक प्रोग्राम ऑफिसर को 19 हजार 500 की जगह अब 23 हजार 140 रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। जबकि 5 साल से अधिक अनुभव रखने वाले को 20 हजार मिलता था, अब उन्हें 23 हजार 700 रुपये का मानदेय प्रति माह मिलेगा। 5 वर्ष से कम अनुभव वाले ग्राम रोजगार सेवक का मानदेय 7500 था, इसे बढ़ाकर 11 हजार करने का निर्णय लिया गया, वहीं 5 से 10 साल के अनुभव वाले ग्राम रोजगार सेवक को 8500 और 10 साल से अधिक वाले 9500 रुपये प्रति माह मिलता था, अब उन्हें 12 हजार रुपये का मानदेय प्रति माह मिलेगा।
डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की अवधि 65 से बढ़ाकर 67 वर्ष हुई
राज्य में गैर शैक्षणिक डॉक्टरों और विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा अवधि 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष कर दी गयी है। इसके अलावा लंबे समय से ड्यूटी में गायब रहने वाली दो डॉक्टर संगीता कुमारी और आशुतोष कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। दोनों वर्ष 2015 से ही बिना किसी सूचना दिये ड्यूटी से गायब हैं।
एमजीएम में 500 बेड वाले नये अस्पताल का होगा निर्माण
राज्य मंत्रिपरिषद ने जमशेदपुर स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल चिकित्सा महाविद्यालय (एमजीएम) में 500 शैय्या वाले नये अस्पताल के लिए 396.69 करोड़ रुपये की प्रशसनिक स्वीकृति प्रदान की। इसके तहत अस्पताल में 70 बेड वाले मेडिसीन वार्ड, 40 वार्ड का शिशु वार्ड, 20 बेड का श्वसन रोग वार्ड, 20 बेड का चर्म रोग बेड, 20 बेड का मानसिक रोग, 60 बेड का सर्जरी, 30 बेड का अस्थि रोग, 20 शैय्या का नेत्र रोग , 33 बेड बर्न वार्ड, 7 बेड का निजी वार्ड, 60 बेड का महिला रोग और 107 का आकस्मिक वार्ड शामिल है। इस तरह से 500 बेड वाले अस्पताल में 247 बेड आईसीयू के लिए होंगे, जिसमें 15 ऑपरेशन थियेटर होगा।
इस अस्पताल में सीटी स्कैन, एम आर आई, एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड, फलोरोस्कॉपी एवंमैमोग्राफी की सुविधा रहेगी, जबकि उक्त अस्पताल में सेमिनार हॉल, क्लासेस, प्रशासनिक भवन का भी निर्माण किया जायेगा। अस्पताल के लिए जरूरी सभी आवश्यक सेवाएं एल एम ओ, पी एस ए प्लांट, जैविक कचरा प्रबंधन, लॉण्डरी सिस्टम, केन्द्री कृत स्ट्रेलाईजेसन यूनिट का विशेष प्रावधान किया गया है। नए अस्पताल के निर्माण के लिए 396 करोड़ 69लाख 58 हजार 9 सौ रुपये की लागत का प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। 500 बेड वाले अस्पताल में 151 करोड़ रुपये सिविल वर्क में, 36.20 करोड़ रुपये विद्युत कार्य, 20 करोड़ फर्निचर वर्क, 19.54 करोड़ हीटिंग वेंटिलेशन एंड एयर कंडीशनिंग वर्क, 12.32 करोड़ का आईटी वर्क के लिए होगा। अस्पताल का निर्माण कार्य 30 महीने के भीतर कराये जाने का लक्ष्य रखा गया है।