झारखंड

25 हजार करोड़ का घोटाला मामले में सीएम ने दिये JSIRC के पूर्व चेयरमैन व अन्य के खिलाफ जांच के आदेश

Deepa Sahu
20 July 2022 9:08 AM GMT
25 हजार करोड़ का घोटाला मामले में सीएम ने दिये JSIRC के पूर्व चेयरमैन व अन्य के खिलाफ जांच के आदेश
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बड़ी खबर

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग में तत्कालीन चेयरमैन अरविंद प्रसाद, तत्कालीन मेंबर तकनीकी आरएन सिंह और मेसर्स बिहार फाऊंडरी एंड कास्टिंग लि. के प्रोपाराइटर गौरव बुधिया के विरूद्ध निगरानी जांच का आदेश दिया है. यह पूरा मामला 25 हजार करोड़ रूपए के सरकारी घोटाला का मामला है.यह था पूरा मामला

तत्कालीन चेयरमैन अरविंद प्रसाद के समय का यह मामला प्रकाश में आया था. इसके बाद भारी दबाव के बीच सरकार के निर्देश के बाद अरविंद प्रसाद को नयी हेमंत सरकार गठन के बाद जून 2020 में रिजाइन करना पड़ा था. दरअसल अरविंद प्रसाद पर यह आरोप लगा था कि डीवीसी ने नया बिजली टैरिफ प्लान नियामक आयोग में फाइल किया था. चूंकि डीवीसी कमांड एरिया की अधिक बिजली इंडस्ट्रियल एरिया ही उपभोग करती है. डीवीसी का बिजली टैरिफ न बढ़े, इसके लिए गौरव बुधिया ने करीब 9 करोड़ रूपए औद्योगिक इकाईयों से वसूल करके तत्कालीन चेयरमैन अरविंद प्रसाद को दिया था.
यहां बता दें कि अरविंद कुमार बिहार कैडर के आइएएस अधिकारी रहे हैं. इनकी नियुक्ति रघुवर दास के शासनकाल में हुई थ. अरविंद कुमार सचिव सुनील कुमार वर्णवाल के करीबी रिश्तेदार हैं.इस तरह काम करता है यह रैकेट
दरअसल आयोग में बिजली टैरिफ बढ़ाने और न बढ़ाने को लेकर बडे औद्योगिक इकाईयों का एक बड़ा रैकेट काम करता है. इससे आयोग के अफसरों को प्रभावित भी किया जाता है. कई बार बड़े औद्योगिक इकाईयों अपने हिसाब से बिजली टैरिफ तय करवाने में अहम भूमिका अदा करते हैं.


सोर्स - lagatar.in

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