झारखंड

ड्रंक एंड ड्राइव के मामले घटे, सावन का महीना आया

Admin4
2 Aug 2022 6:04 PM GMT
ड्रंक एंड ड्राइव के मामले घटे, सावन का महीना आया
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रांचीः सावन के महीने में राजधानी में ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से होने वाले सड़क हादसों में कमी आई है. राजधानी में सड़क हादसे तो जरूर हुए हैं लेकिन उनमें ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से होने वाले हादसे न के बराबर हैं. इसके पीछे की वजह लोगों का सावन के महीने में शराब नहीं पीना बताया जा रहा है.

बता दें कि राजधानी रांची में हर महीने औसतन 40 से 45 लोग अपनी जान सड़क हादसों में गंवा देते हैं. मरने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की होती है और मौत की सबसे बड़ी वजह ड्रंक एंड ड्राइव सामने आते हैं. लेकिन सावन के महीने में ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से होने वाले सड़क हादसों पर एक तरह से ब्रेक लग गया है और उसकी वजह बताया जा रहा है सावन का पवित्र महीना, जिसमें तमाम लोग तामसिक कार्य से बचते हैं.

सड़क सेफ्टी कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि हर वर्ष जुलाई और अगस्त महीने में ड्रंक एंड ड्राइव के मामलो में अचानक कमी आ जाती है. साल के तीन महीने नवम्बर, दिसम्बर और जनवरी में ड्रंक एंड ड्राइव के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं. इसके पीछे की वजह नए साल के आगाज को लेकर होने वाला जश्न होता है. लेकिन जुलाई और अगस्त दोनों महीने के बीच में सावन का महीना आता है और इस दौरान ड्रंक एंड ड्राइव के मामले थम जाते हैं.

क्यों कम हो जाते हैं सावन में हादसे कमः रांची में सड़क सुरक्षा प्रबंधक जमाल असरफ खान का कहना है कि सावन के महीने में आमतौर पर लोग शराब और मांस दोनों का सेवन छोड़ देते हैं. शराब की दुकानों और मयखानों में भी भीड़ कम ही दिखती है. लोग शराब नहीं पीते तो रैश ड्राइविंग भी नहीं करते हैं. नतीजतन शराब की वजह से होने वाले सड़क हादसों के आंकड़े में कमी आ जाती है.

क्या हैं आंकड़े

बता दें कि आमतौर पर रांची शहर में हर महीने हादसे के औसतन 45 मामले आते हैं. इनमें से आधे की वजह ड्रंक एंड ड्राइव होता है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में रांची में ही केवल 448 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी, इनमे से 200 लोग ड्रंक एंड ड्राइव का शिकार हुए थे, जबकि 339 लोग बेहद गंभीर रूप से घायल हुए थे, 339 में भी 190 लोग ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से घायल हुए थे. वहीं ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से 40 से ज्यादा लोगों को सड़क हादसों में घायल होने की वजह से अपंग होना पड़ा था.

वहीं साल 2022 के आंकड़ों की बात करें तो जनवरी महीने में कुल 61 सड़क हादसों में 51 लोगों की मौत हुई, जबकि 26 लोग घायल हुए. फरवरी में 46 सड़क हादसे हुए जिनमें 32 लोगों की मौत हुई और 17 घायल हुए. मार्च महीने में 54 सड़क हादसे हुए जिनमें से 30 लोगों की मौत हुई और 36 घायल हुए. अप्रैल महीने में 51 सड़क हादसे हुए जिनमें 36 लोगों की मौत हुई और 29 जख्मी हुए. वहीं मई महीने में 57 सड़क हादसे हुए जिनमें 45 लोगों की मौत हो गई, वहीं 38 लोग घायल हो गए. यानी जनवरी 2022 से लेकर मई 2022 तक कुल 269 सड़क हादसे हुए जिनमें 201 लोग अपनी जान गंवा बैठे. वहीं 146 जख्मी हुए. इनमे भी 50 प्रतिशत लोग ड्रंक एंड ड्राइव करते हुए सड़क हादसों का शिकार हुए थे.

जुलाई - अगस्त में हर साल कम हो जाते हैं आंकड़े

लेकिन जैसे ही सावन शुरू होता ड्रंक एंड ड्राइव के मामलों में कमी आने लगती है. यह महीना आमतौर पर जुलाई-अगस्त में रहता है. इस वर्ष जुलाई में 35 सड़क हादसे सामने आए जिनमे भले ही 36 लोगों की मौत हो गई लेकिन इसमें ड्रंक एंड ड्राइव के मात्र तीन मामले शामिल थे. हालांकि इसमें किसी की मौत नहीं हुई थी. साल 2020-21 में भी जुलाई और अगस्त महीने में भी सड़क हादसों में 61 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन उसमें भी ड्रंक एंड ड्राइव के मात्र 10 मामले थे.

लोगों से अपील, हर महीने में करें सावन जैसा व्यवहार

सड़क हादसों के आंकड़े साफ कर देते हैं कि अगर आप पूरे साल सावन महीने की तरह व्यवहार करें तो आप सड़क हादसों से बच सकते हैं. रांची के सड़क सुरक्षा प्रबंधक जमाल अशरफ खान यह बताते हैं कि आंकड़े यह साबित करते हैं कि जो लोग शराब पीकर वाहन नहीं चलाते हैं, उनके हादसे का शिकार होने का प्रतिशत काफी कम होता है. हम लोगों से यह अपील करते हैं कि वे लोग सावन का महीना हो या फिर कोई और महीना शराब पीकर वाहन न चलाएं ताकि उनकी जान सुरक्षित रहे.

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