रांची. रांची के कांके प्रखंड के रहने वाले शिव उरांव 21 जुलाई गुरुवार को अचानक रांची के डीसी ऑफिस पहुंचे. पेशे से मजदूरी की काम करने वाले शिव दरअसल कांके प्रखंड के सिमर टोली के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि उनकी मां का निधन हो गया है. लिहाजा मृत्यु प्रमाणपत्र बनाने के लिए आवेदन पर आंगनबाड़ी सेविका के हस्ताक्षर की जरूरत थी. लेकिन सिमर टोली की ही रहने वाली आंगनबाड़ी सेविका मंजू कच्छप के साथ शिव उरांव का पिछले कई सालों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है.
शिव उरांव का आरोप है कि आंगनबाड़ी सेविका ने इसी विवाद की वजह से मृत्यु प्रमाण से संबंधित आवेदन पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. शिव उरांव की मानें तो आंगनबाड़ी सेविका ने कोर्ट से मामला वापस लेने की स्थिति में ही हस्ताक्षर करने की बात कही. शिव ने बताया कि वह आंगनबाड़ी सेविका की शिकायत लेकर कांके प्रखंड पहुंचे. जहां उन्होंने सीडीपीओ से कई बार मिलने की कोशिश की. लेकिन तीन चार दिन अंचल कार्यालय का चक्कर लगाने के बाद भी सीडीपीओ से शिव उरांव की मुलाकात नहीं हो पायी.
शिव उरांव ने जानकारी देते हुए बताया कि वह सुबह 10 बजे अ़ंचल कार्यालय पहुंचने के समय से लेकर दोपहर दो बजे तक अंचल कार्यालय में सीडीपीओ के दफ्तर के बाहर बैठे रहे. लेकिन, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी से उनकी मुलाकात नहीं हो पायी. तीन दिन तक चक्कर लगाने के बाद वह हताश होकर सीधे उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और वहां अपना आवेदन सौंपा. इस आवेदन में उन्होंने आंगनबाड़ी सेविका की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए तमाम समस्याओं की जानकारी दी है.
कांके थाना में दिया आवेदन, नहीं हुई कार्रवाई
पेशे से मजदूरी के साथ ड्राइवरी का भी काम करने वाले 55 वर्षीय शिव ने बताया कि उन्होंने कांके थाना में भी आंगनबाड़ी सेविका के खिलाफ आवेदन दिया है. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि पिछले 18 साल से आंगनबाड़ी सेविका मंजू कच्छप से उनका विवाद चल रहा है.