झारखंड

मूलभूल सुविधाओं से हैं वंचित, नदी का गंदा पानी पी बुझाते हैं प्यास चतरा के इस गांव के लोग

Admin4
5 Sep 2022 4:12 PM GMT
मूलभूल सुविधाओं से हैं वंचित, नदी का गंदा पानी पी बुझाते हैं प्यास चतरा के इस गांव के लोग
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एक ओर आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हंटरगंज प्रखंड के सलैया पंचायत के गोड़रा व पिछली गांव के लोग मूलभूत सुविधा से वंचित हैं. गांव में पहुंचने के लिए सड़क नहीं हैं. शुद्ध पेयजल भी नहीं मिलता है. नदी का गंदा पानी पीकर प्यास बुझाते हैं. गांव के अधिकतर लोगों का नाम मतदाता सूची में नहीं है, जिसके कारण कोई भी चुनाव में वोट नहीं दे पाते हैं.

ट्रांसफॉर्मर खराब होने के कारण गांवों में बिजली नहीं है. पांच साल से ट्रांसफॉर्मर खराब पड़ा है, लेकिन विभाग की नजर इस ओर नहीं है. दोनों गांवों में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं है. गोडरा गांव की आबादी 200 व पिछली गांव की आबादी 160 हैं. दोनों गांवो में गंझू व भुइयां जाति के लोग निवास करते हैं. उक्त दोनों गांव के लोग छह किमी दूर धनगिरी जाकर पीडीएस दुकान से राशन का उठाव करते हैं.

पहाड़ी रास्ते से होकर पीडीएस दुकान पहुंचते हैं. दोनों गांवों में प्राथमिक विद्यालय है. पांचवीं पढ़ाई करने के बाद अधिकतर बच्चे आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. गांव से 12 किमी दूर जोरी में मध्य व उच्च विद्यालय है. यही वजह है कि बच्चे उच्च शिक्षा के लिए जोरी नहीं पहुंच पाते हैं.

क्या कहते हैं ग्रामीण :

गोडरा गांव के 65 वर्षीय सरयू भारती ने कहा कि मतदाता सूची में नाम नहीं रहने के कारण आजतक वोट नहीं दे पाये हैं. गांव में बुनियादी सुविधा नहीं हैं. जाम नदी से पानी लाकर प्यास बूझाते हैं. शनिचरी देवी ने कहा कि नदी से गंदा पानी लाकर उबालकर खाना बनाते हैं. काफी परेशानी होती है.

बरसात के दिनों में समस्या बढ़ जाती है. पिछली गांव के मंगर गंझू ने कहा कि गांव में सड़क नहीं हैं. पगडंडियों के सहारे आवागमन करते हैं. सड़क नहीं रहने के कारण पदाधिकारी भी गांव नहीं पहुंच पाते हैं. गोपाल गंझू ने कहा कि बिजली नहीं रहने के कारण बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. पांच साल से गांव का ट्रांसफॉर्मर जला हुआ है.

बीडीओ ने कहा :

बीडीओ अभिषेक पांडेय ने कहा उक्त गांवों में जाकर समस्या जानेंगे. साथ ही डीएमएफटी मद के तहत गांव में पेयजल सुविधा, सड़क बनाया जायेगा. गांवों में मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जायेगा.

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