झारखंड

एफआईएजीईएस का दूसरा दिन : एक्सपर्ट ने लेप्रोस्कोपिक व एंडोस्कोपिक सर्जरी के विषय में दी जानकारी

Rani Sahu
13 Aug 2022 2:25 PM GMT
एफआईएजीईएस का दूसरा दिन : एक्सपर्ट ने लेप्रोस्कोपिक व एंडोस्कोपिक सर्जरी के विषय में दी जानकारी
x
एक्सपर्ट ने लेप्रोस्कोपिक व एंडोस्कोपिक सर्जरी के विषय में दी जानकारी

Ranchi : इंडियन एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोसर्जन (आईएजीईएस) के द्वारा 12 से 14 अगस्त तक रिम्स में तीन दिवसीय फैलोशिप कोर्स एफआईएजीईएस का आयोजन किया जा रहा है. शनिवार को दूसरे दिन इस फेलोशिप कोर्स सह वर्कशॉप का विधिवत उद्घाटन एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एलपी थांगावेलु और रिम्स निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद द्वारा किया गया. इसके बाद विभिन्न राज्यों के 10 एक्सपर्ट लेप्रोस्कोपिक व एंडोस्कोपिक सर्जन ने चार अलग-अलग सत्रों में विभिन्न बीमारियों के इलाज में लेप्रोस्कोपिक, एंडोस्कोपिक व रोबोटिक सर्जरी कितनी महत्वपूर्ण है, इसकी जानकारी दी. शुरुआती सत्र में कोलकाता के डॉ. रमेश अग्रवाल ने हर्निया सर्जरी में जटिलता पर पैनल डिस्कशन किया. इस दौरान उन्होंने लेप्रोस्कोपिक सर्जरी से हर्निया का ऑपरेशन कैसे करते हैं, इसकी जानकारी दी. परिचर्चा में हर्निया करने के दौरान क्या-क्या कठिनाई आ सकती है, इसकी कैसे पहचान करें, सही से ऑपरेशन व उपचार कैसे करें, इसकी भी जानकारी उपस्थित चिकित्सकों से साझा की.

प्रैक्टिकल एग्जाम के बाद दी जाएगी डिग्री
वहीं, दिल्ली से वर्कशॉप में शामिल डॉ. सुभाष अग्रवाल ने पैनक्रियाज में एक्सयूडोसिस नामक बीमारी होती है, इसका किन विधियों से इलाज होता है, लेप्रोस्कोपिक व एंडोस्कोपी के बारे में विशेष चर्चा कर जानकारी दी. सत्र के दौरान आयोजन समिति के संयोजक डॉ. सतीश मिढ़ा ने बताया कि झारखंड समेत विभिन्न राज्यों से इस सम्मेलन में शामिल 75 से ज्यादा फेलोज और 100 से ज्यादा चिकित्सकों को लेप्रोस्कोपी व एंडोस्कोपी की तकनीक की जानकारी दी है. उन्हें अगल-अलग टॉपिक पर चर्चा कर बताया जा रहा है कि सर्जरी के दौरान किस तकनीक का इस्तेमाल कैसे करना है. इस पाठ्यक्रम में लेप्रोस्कोपी में प्रयोग करने वाले उपकरणों और लेप्रोस्कोपी से गोलब्लाडर, अपेंडिक्स, हर्निया, पैनक्रियाज, लीवर, मोटापा आदि की सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी की जानकारी व विषयों पर चर्चा की जा रही है. उन्हाेंने बताया कि इस तीन दिवसीय फेलोशिप कोर्स के बाद इसके आधार पर प्रैक्टिकल एग्जाम लिया जाएगा. जिसके बाद चिकित्सकों को डिग्री भी प्रदान की जाएगी.

by Lagatar News

Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story