झारखंड

अन्नपूर्णा देवी : हमारी गौरवशाली शिक्षण पद्धति से दूर करती है मैकाले की शिक्षा

Rani Sahu
16 July 2022 4:19 PM GMT
अन्नपूर्णा देवी : हमारी गौरवशाली शिक्षण पद्धति से दूर करती है मैकाले की शिक्षा
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रांची के धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के केशव सभागार में शिशु विकास मंदिर समिति के तत्वावधान में शनिवार को अरुणोदय पत्रिका का विमोचन सह आचार्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ

रांची। रांची के धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के केशव सभागार में शिशु विकास मंदिर समिति के तत्वावधान में शनिवार को अरुणोदय पत्रिका का विमोचन सह आचार्य सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी और विशिष्ट अतिथि पूर्व सांसद हजारीबाग डा. यदुनाथ पांडेय ने दीप प्रज्वलन कर किया।

समारोह को संबोधित करते हुए अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि गुरुकुल की परम्परा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में देखने को मिलती है। मैकाले की शिक्षा पद्धति हमारी गौरवशाली शिक्षण पद्धति से हमें दूर करता है। उन्होंने कहा कि गौरवशाली इतिहास की जानकारी वर्तमान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति में नए सिलेबस का निर्माण के द्वारा समाहित हो रहा है। आने वाले समय में हम गुणवत्ता, कौशल एवं वास्तविक शिक्षा देकर युवाओं के ज्ञान एवं क्षमताओें को कौशल में बदल सकेंगे। साथ ही आचार्यों से आग्रह किया कि बच्चों को सम्यता, संस्कृति से जोड़ने के लिए बेहतर भूमिका निभायें।
गुरु ही ब्रहमा, विष्णु और महेश: पांडेय
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि यदुनाथ पांडेय ने कहा कि गुरु ही ब्रहमा, विष्णु और महेश हैं। गुरु ही ईश्वर का मार्ग प्रस्तुत करते हैं। दीपक ही गुरु है। गुरु के प्रकाश से ही सत्य की जानकारी होती है। भारत की संस्कृत अति प्राचीन है। गुरु वशिष्ठ न होते तो राम न होते। गुरु की महिमा अपरम्पार है। उन्होंने कहा कि संस्कारयुक्त शिक्षा गुरुकुल के रूप में आज भी सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों के विद्यालयों में जीवित है।
इस अवसर पर विद्यालय की वार्षिक पत्रिका 'अरुणोदय' दशम सर्ग का लोकार्पण किया गया। मौके पर पत्रिका के संपादक हर्ष तिवारी ने कहा कि अरुणोदय पत्रिका का दशम सर्ग विद्यालय के भैया-बहनों की रचनात्मकता की प्रस्तुति है। उन्होंने दशम सर्ग को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि पत्रिका में कविताएं, कहानियां, लेख एवं चित्र भविष्य का चित्रण करते हुए मिलेंगे। पत्रिका स्वतंत्रता के 75 वें अमृत महोत्सव पर आधारित है। इस पत्रिका में झारखंड के वीर सपूतों की स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका के भी दर्शन होंगे।
इस मौके पर विनोद कुमार सिंह, अशोक कुमार सिंह, अमरेन्द्र कुमार सिंह, पूनम पांडेय एवं डा संध्या सिंह, पवन मंत्री, धनेश्वर महतो सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


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