झारखंड

राजधानी रांची में 15 साल में भी नहीं तैयार हुआ 500 बेड का हॉस्पिटल

Rani Sahu
22 Aug 2022 8:12 AM GMT
राजधानी रांची में 15 साल में भी नहीं तैयार हुआ 500 बेड का हॉस्पिटल
x
राजधानी के ह्दयस्थली माने जाने वाले अल्बर्ट एक्का चौक स्थित सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल का काम पिछले 15 साल से चल रहा है
Ranchi: राजधानी के ह्दयस्थली माने जाने वाले अल्बर्ट एक्का चौक स्थित सदर हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल का काम पिछले 15 साल से चल रहा है. इस चक्कर में अब तक कई बार हॉस्पिटल का बजट भी बढ़ा. वर्तमान में बजट बढ़कर दोगुने से भी अधिक हो गया. इसके बावजूद 500 बेड का सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल पूरी तरह से चालू नहीं हो पाया. इसका खामियाजा इलाज के लिए आने वाले मरीज भुगत रहे है. वहीं सुविधाओं के अभाव में उन्हें हॉस्पिटल की इमरजेंसी से ही लौटा दिया जा रहा है. इस वजह से उन्हें परेशानी हो रही है. वहीं हॉस्पिटल-हॉस्पिटल दौड़ लगाकर मरीज थक जा रहे है.
हॉस्पिटल चालू होने के बाद 190 करोड़ खर्च
2011 में नई बिल्डिंग भी बनकर तैयार हो गई. इस बीच सात साल ऐसे ही गुजर गया. 2017 में जब हॉस्पिटल की शुरुआत हुई तो 143.47 करोड़ रुपए खर्च हो चुके थे. इसके बाद भी हॉस्पिटल को सुपस्पेशियलिटी बनाने के नाम पर सरकार से 164.45 करोड़ रुपए की मांग की गई थी. वहीं हेल्थ डिपार्टमेंट से इक्विपमेंट इंस्टालेशन के लिए 19.75 करोड़ रुपए प्रस्तावित थे. इसके बाद से आजतक 190 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च हो चुका है. हॉस्पिटल आज तक पूरी तरह से चालू नहीं हो पाया है.
पांच साल में कई प्राइवेट हॉस्पिटल हो गए खड़े
2007 में हॉस्पिटल के नए भवन का काम शुरू हुआ था. 4 सालों के बाद 2011 में भवन का ढांचा पूरी तरह से तैयार हो गया. इसके बाद से हॉस्पिटल चालू कराने को लेकर प्रयास शुरू हुआ. अगस्त 2017 में 200 बेड का मैटरनिटी एंड चाइल्ड वार्ड शुरू किया गया. इसके बाद पांच सालों में हॉस्पिटल में 50 और बेड जोड़े गए. लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग 500 बेड का सुपरस्पेशियलिटी पूरी तरह से चालू नहीं करा पाई. जबकि पिछले पांच सालों की बात करें कई बड़े प्राइवेट हॉस्पिटल सुपरस्पेशियलिटी सुविधाओं के साथ खड़े हो गए. जिसमें पल्स, संजीवनी, बर्लिन, मां रामप्यारी सुपर स्पेशियलिटी, द क्यूरेसटा हॉस्पिटल शामिल है. वहीं इन हॉस्पिटलों में मरीजों का इलाज भी शुरू कर दिया गया.
2016 में किया गया था पीआईएल
हॉस्पिटल को चालू कराने को लेकर समाजसेवी ज्योति शर्मा ने 2016 में हाईकोर्ट में पीआईएल किया था. इसके बाद 2017 में हॉस्पिटल चालू हुआ. वहीं दिसंबर 2018 में पूरी बिल्डिंग हैंडओवर करने की बात कही गई. लेकिन हाईकोर्ट को दिया गया डेडलाइन फेल हो गया. इसके बाद कंटेप्ट ऑफ कोर्ट किया गया. जिसके बाद से आजतक मामला हाईकोर्ट में लंबित है. वहीं स्वास्थ्य विभाग और काम करने वाली एजेंसी हर बार एक नई डेडलाइन देकर हाईकोर्ट को भी गुमराह कर रही है. फिलहाल हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया है.
News Wing
Next Story
© All Rights Reserved @ 2023 Janta Se Rishta