जमशेदपुर. जमशेदपुर गोलमुरी पुलिस लाइन में ट्रिपल मर्डर के बाद शुक्रवार को रांची से पहुंची फॉरेंसिक टीम जांच में जुट गई है. वहीं महिला कांस्टेबल सविता रानी हेम्ब्रम, उनकी मां लाखिया हेम्ब्रम और बेटी गीता हेम्ब्रम का शव कमरे से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. वहीं फॉरेंसिक टीम शव को निकालने के बाद फिंगरप्रिंट लेने में जुटी है. बता दें, अति सुरक्षित माने जाने वाले गोलमुरी पुलिस लाइन के लोगों को भी बीती रात हत्या की जानकारी मिली तो सभी हैरान रह गए. हत्यारों ने इस योजना से घटना को अंजाम दिया कि पड़ोस के लोगों को भी घटना की जानकारी नहीं मिली.
बताया जाता है कि जब पुलिस लाइन के क्वार्टर का दरवाजा तोड़ा गया तो तीन लोगों का शव देखकर सभी हक्के-बक्के रह गए. पुलिस के आने के बाद वहां अगल-बगल के लोगों का भी जमावड़ा लगने लगा. पुलिस ने किसी को भी कक्ष में जाने नहीं दिया. यहां तक पुलिस के अधिकारियों ने भी कुछ नहीं छुआ. इस घटना को एक चैलेंज के रूप में लेते हुए एसएसपी प्रभात कुमार ने रांची से फोरेंसिक की टीम बुलाई है, जो आज हत्या के अलग-अलग पहलुओं की जांच कर रही है, जिस फ्लैट में घटना हुई उसे सील कर दिया गया है. किसी को भी कमरे के अंदर में प्रवेश पर रोक लगा है. फ्लैट के बाहर पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गई है.
13 जुलाई को था सबिता की बेटी का जन्मदिन
सबिता ने अपनी बेटी गीता का जन्म दिन 13 जुलाई को गोलमुरी पुलिस लाइन के फ्लैट में मनाया था, जिसमें उसकी बेटी ने अगल-बगल के लोगों तथा अपने कुछ दोस्तों को बुलाया था. गीता डीएसएम स्कूल की कक्षा सातवीं की छात्रा थी. वह पढ़ने-लिखने में तेज थी.
तीन की हत्या लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी
गोलमुरी पुलिस लाइन परिसर जैसे अति सुरक्षित जगह में महिला पुलिसकर्मी, उसकी पुत्री और मां की हत्या हो गई और इसकी भनक किसी को नहीं लगी. विशेष कर फ्लैट के बगल मेंं रहने वाले पड़ोसियों को भी नहीं. पुलिस के अनुसार भी यह आश्चर्य की बात है जिस किसी ने भी हत्या की है उसने एक साथ तो तीनों की हत्या नहीं की होगी. हत्या के प्रतिरोध को लेकर हल्ला और धक्का-मुक्की भी होने का अनुमान है. अगर ऐसा नहीं हुआ है तो खाने में बेहोशी की दवा मिला दी गई होगी और आराम से हत्या को अंजाम देकर हत्या करने वाला बाहर निकल गया होगा.
ताला लगाया और चलते बना हत्यारा!
जिस फ्लैट में हत्या हुई उसके गेट में बाहर से ताला लगा हुआ था. इसका मतलब है कि हत्यारा हत्या करने के बाद गेट में ताला लगाया और वहां से निकल गया. बता दें, इस मामले में सबिता की मोबाइल से भी कई राज खुल सकते हैं. शक और संभावना पर पुलिस के अनुसंधान जारी है. फोरेंसिक टीम के जांच के बाद ही पुलिस किसी नतीजे पर पहुंच पाएगी. वहीं इस घटना से पुलिस लाइन की सुरक्षा पर कई सवाल उठ रहे हैं.
दूसरों की सुरक्षा करने वाले खुद असुरक्षित
गोलमुरी पुलिस लाइन परिसर में पुलिसकर्मियों के रहने के लिए जहां बैरक है. वहीं स्वजनों के रहने को फ्लैट बने हुए है, जहां आम लोगों की सुरक्षा करने वाले और उनके स्वजन रहते हैं. सुरक्षा के तमाम उपाय हैं. बावजूद लाइन परिसर में महिला पुलिसकर्मी समेत तीन की हत्या हो गई और किसी ने कुछ नहीं देखा और ना ही कुछ जाना.
12 वर्ष पूर्व हुई थी सबिता हेंब्रम के पति की हत्या
एसएसपी कार्यालय में तैनात महिला पुलिसकर्मी सबिता हेंब्रम के पति कैलास हेंब्रम की हत्या 12 वर्ष पूर्व नक्सलियों ने जादूगोड़ा में कर दी थी. जादूगोड़ा के एक मेले में नक्सलियों ने उन्हें घेर कर मार दिया था. उसके बाद अनुकंपा के आधार पर सबिता को बड़ी मुश्किल से नौकरी मिली थी. इस बात की जानकारी देते हुए मृतक सबिता की बहन बागबेड़ा के जटाझोपड़ी रहने वाली रानु मार्डी ने बताया कि जब उनके जीजा की मौत हुई थी तो सबिता के गर्भ में पांच माह की बेटी पल रही थी.
डुमरिया में सबिता का ससुराल
सबिता का ससुराल डुमरिया के कुदूरसाई में है. सबिता का मायका सरायकेला-खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड में है. वहीं पर रहकर डुमरिया निवासी कैलाश से शादी हुई थी. बताया जा रहा है कि कैलाश नासुस का सदस्य था, कैलाश हेंब्रम के साथ सबिता की शादी 14 वर्ष पूर्व हुई थी. सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन नक्सलियों ने किसी बात को लेकर कैलाश की हत्या कर दी थी. नक्सलियों को संदेह था कि वह पुलिस के लिए काम करता था और उन्हें गुप्त सूचना देता था.